कया आपका पर्सनल WhatsApp मैसेज पढ़ रही है सरकार? क्या है रेड टिक का नया फंडा? जानें...
Apr 10, 2020
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Updateed 10 Apr 2020, 05:42 AM
WhatsApp भी अब अन्य प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफार्मों की तरह लोगों के लिए समाचार और अन्य जानकारी पाने का स्रोत बन गया है।
लेकिन अधिकतर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की तरह ही यहां भी गलत जानकारी और फर्जी खबरों का अत्यधिक फैलाया जा रहा है।
लोग कोई भी पुराना न्यूज़, वीडियो को कहीं का कहीं से जोड़ कर फर्जीवाड़ा कर रहें है, इसी तरह व्हाट्सऐप में आज कल एक मैसेज वायरल हो रहा हैं,
जिसमें 'टिक्स' की संख्या और रंग को लेकर जानकारी दी जा रही है। इस मैसेज में बताया गया है कि सरकार सभी प्रसारित होने वाले मैसेज पर नज़र रख रही है।
अब ट्विटर पर प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) ने रद्द कर दिया है। PIB एक सरकारी एजेंसी है, जो सरकारी योजनाओं, नीतियों आदि के बारे में मीडिया को जानकारी देती है।
PIB ने अपने ट्विटर में बताया कि सोशल मीडिया पर फैल रहा मैसेज, जिसमें व्हाट्सऐप के 'टिक' मार्क के बारे में जानकारी दी गई है, पूरी तरह से फर्ज़ी है।
ट्वीट पर यह भी आश्वस्त किया गया है कि सरकार मैसेज पर नज़र रखने जैसा किसी प्रकार का कोई काम नहीं कर रही है। PIB ने लोगों को ऐसे फेक मैसेज से दूर रहने को भी कहा है।
WhatsApp एंड-टू-एंड एनक्रिप्टेड है, इसलिए यूज़र्स के मैसेज को ना ही सरकार और यहां तक की ना ही व्हाट्सऐप खुद पढ़ सकता है।
आप में से जो लोग इस वायरल मैसेज के बारे में नहीं जानते तो उन्हें बता दें कि इस वायरल हो रहे फर्ज़ी मैसेज में लिखा है कि "WhatsApp ने एक नई प्रणाली लागू की है,
जियूज़र्स यह पता लगा सकते हैं कि उनके द्वारा भेजे जाने वाले मैसेज पर सरकार द्वारा नज़र रखी जा रही है नहीं या क्या सरकार मैसेज को लेकर उन पर कार्रवाई कर सकती है या नहीं।
इस मैसेज में आने वाले टिक की संख्या और रंग को भी बताया गया है, यदि यूज़र द्वारा भेजे गए मैसेज में तीन ब्लू टिक आते हैं, तो इसका मतलब उसके मैसेज पर सरकार नज़र रख रही है।
यदि दो नीले और एक लाल टिक आएगा तो इसका मतलब भेजने वाले के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है। यदि एक नीला और दो लाल टिक आते हैं, तो इसका मतलब सरकार मैसेज भेजने वाले के डेटा की जांच कर रही है।
अंत में यदि तीन लाल टिक आते हैं, तो सरकार ने कार्रवाई शुरू कर दी है और मैसेज भेजने वाले को अदालत से समन प्राप्त होगा।
हालांकि PIB ने अपने ट्वीट में साफ कर दिया है कि सरकार ऐसा कुछ नहीं कर रही है और यह वायरल मैसेज पूरी तरह से फर्ज़ी है। इस न्यूज़ को लोगो तक पहुंचाए ताकि लोग फर्जीवाड़ा शेयर करने से बचें।
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