बरहेट प्रखंड के 111 आदिवासियों ने छोड़ा ईसाई धर्म, विधि - विधान से कराई गई सरना धर्म में घर वापसी
साहिबगंज : जिले के बरहेट प्रखंड क्षेत्र के सुदूरवर्ती गांव में आदिवासी समुदाय के 111 लोगों ने चार साल बाद ईसाई धर्म छोड़ सरना धर्म में वापसी की है।
घर वापसी के लिए सभी को नंगे पैर आग पर चलाया गया और सभी पर गंगाजल छिड़का गया। इस दौरान ईसाई धर्म छोड़ने वाले लोगों का आदिवासी विधि - विधान से शुद्धिकरण कराया गया। अंत में सभी के पैर धुलवा कर सरना धर्म में वापसी कराई गई। वहीं महिलाओं के पैरों को गंगाजल से धोकर और उन्हें शुद्ध कर सनातन धर्म में वापसी कराई गई। धर्म वापसी पर सभी महिलाओं को साड़ी और पुरुषों को धोती-गमछा देकर सम्मानित किया गया।
ईसाई धर्म अपनाने के लिए दिया गया था प्रलोभन
सनातन धर्म में वापसी के उपरांत तालामय बास्की और नटवा बेसरा ने बताया कि बरहेट प्रखंड से लगभग 30 किलोमीटर दूर पहाड़ी क्षेत्र में स्थित सिंदरी गांव के 111 आदिवासियों ने चार साल पहले लालच में आकर ईसाई धर्म को अपना लिया था। उन्हें कई तरह के प्रलोभन दिए गए थे। उन्हें कहा गया था कि अगर ईसाई धर्म अपना लेते हैं तो उन्हें सारी सुविधाएं दी जाएंगी। यही नहीं बच्चों को शिक्षा, खाने-पीने सहित रोजगार भी दिया जाएगा।
ईसाई धर्म छोडने वालों में 45 पुरुष एवं 66 महिलाएं
तालामय बास्की ने बताया कि ईसाई धर्म प्रचारक के बहकावे में आने के बाद भी उन्हें किसी प्रकार की सुविधा नहीं मिली। वहीं नटवा बेसरा ने बताया कि ईसाई धर्म अपनाने के बाद उन्हें काफी घुटन महसूस हो रही थी। इसीलिए एक बार पुनः अपने धर्म के प्रति आस्था और रुचि रखकर पूरे नियम व विधि-विधान के साथ सभी ग्रामीणों के सहयोग से पुनः अपने सरना धर्म में वापसी की है, जिसमें 45 पुरुष एवं 66 महिलाएं शामिल हैं।
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