नहाय खाय के साथ चैती छठ महापर्व का अनुष्ठान शुरू


साहिबगंज : हिन्दू नववर्ष के पहले महीने चैत्र शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को लोक आस्था और सूर्य उपासना का महापर्व छठ व्रत मनाया जाता है। शास्त्रों में छठ व्रत को अत्यंत ही पवित्र त्यौहार माना गया है। यह त्यौहार नियम, निष्ठा, शरीर, मन और आत्मा की शुद्धि का व्रत है।

नहाय खाय के साथ चैती छठ महापर्व का अनुष्ठान शुरू

मान्यता है कि नहाय-खाय से सप्तमी के पारण तक उन भक्तों पर षष्ठी माता की कृपा बरसती है। महापर्व में भगवान सूर्य देव की आराधना की जाती है। संध्या अर्ध्य के दिन भगवान भास्कर के अस्त होते समय अर्घ्य दिया जाता है और उसके अगले दिन उदयीमान सूर्य को सूर्योदय का अर्घ्य दिया जाता है।

चैती छठ महापर्व का चार दिवसीय अनुष्ठान शुक्रवार से नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया है। लौकी की सब्जी और अरवा चावल का भात बना कर छठ व्रती प्रसाद ग्रहण कर नहाय-खाए के साथ ही चार दिवसीय अनुष्ठान का संकल्प लिया। वहीं, 15 अप्रैल को उदयीमान भगवान सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर महा पर्व का समापन किया जाएगा। छठ पूजा में खरना के प्रसाद का विशेष महत्व माना गया है।

खरना प्रसाद में छठ व्रती आम के लकड़ी से मिट्टी के चूल्हे पर ईंख के कच्चे रस या गुड़ और अरवा चावल का खीर बनाकर छठ मैया को भोग लगाकर महा प्रसाद ग्रहण करती हैं। घर–परिवार के सदस्यों, पड़ोसियों तथा आगंतुकों को महाप्रसाद देती हैं।

वहीं साहिबगंज में चैती छठ पूजा की तैयारी जोरों पर है। चैती छठ को लेकर विभिन्न घाटों की साफ-सफाई करने में लोग जुटे हैं। लोक आस्था के महापर्व का चार दिवसीय अनुष्ठान की तैयारियां जोरों पर चल रही है।

साहिबगंज से संजय कुमार धीरज

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