जिले पहली बार शुरू हुई माइनिंग पीट में "केज कल्चर तकनीक" की शुरुआत


जिले में पहली बार शुरू हुई माइनिंग पीट में "केज कल्चर तकनीक" की शुरुआत, मछली पालन के लिए किसी वरदान से कम नहीं केज कल्चर तकनीक

जिले में पहली बार शुरू हुई माइनिंग पीट में "केज कल्चर तकनीक" की शुरुआत, मछली पालन के लिए किसी वरदान से कम नहीं केज कल्चर तकनीक

साहिबगंज मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए झारखंड राज्य के साहिबगंज जिले के मंडरो प्रखंड अंतर्गत सिमरिया गांव में माइनिंग पीट में "केज कल्चर तकनीक" की शुरुआत की गई है। इसके लिए पहाड़ किनारे माइनिंग पीट में केज बनाया गया है।

केज कल्चर तकनीक से तालाब या झील की तुलना में मछलियों का विकास तेजी से होता है। बता दें कि मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए साहिबगंज जिले में केज कल्चर तकनीक से पहली बार मछली उत्पादन शुरू किया जा रहा है। केज कल्चर को नेट पेन कल्चर के नाम से भी जाना जाता है।

इसके लिए डीएमएफटी मद से मंडरो प्रखंड के सिमरिया गांव का चयन करके माइनिंग पीट में 18 यूनिट का केज कल्चर का निर्माण कराया गया है, जहां केज कल्चर तकनीक से मछली पालन शुरू करने की योजना बनाई गई है। इस संबंध में उपायुक्त हेमंत सती ने बताया कि यह मछली पालन की नई विधि है, जिसमें बड़े और गहरे जल क्षेत्र में बिना बांध निर्माण के भी मछली पालन किया जा सकता है।

यह मछली पालन को बढ़ावा देने का बेहतर विकल्प है। उन्होंने कहा कि यहां के ग्रामीणों को मत्स्य पालन के लिए रोजगार व प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे सिमरिया वासियों को आजीविका चलाने हेतु पलायन न करना पड़े।

साहिबगंज से संजय कुमार धीरज

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