जिले के दर्जनों सरकारी विद्यालयों में नहीं है शौचालय की व्यवस्था
जिले के दर्जनों सरकारी विद्यालयों में नहीं है शौचालय की व्यवस्था, विद्यालयों में शौचालय का न होना, किसी अभिशाप से कम नहीं
साहिबगंज जिले में स्वच्छ भारत मिशन की धज्जियां खुद सरकारी विभाग का शिक्षा विभाग उड़ा रहा है। शिक्षा का अलख जगाने के लिए जिले में मध्य, प्राथमिक व प्लस–2 मिलाकर कुल 1293 विद्यालय हैं, जिनमें से कुल 31 विद्यालयों में शौचालय की व्यवस्था नहीं है।
जिससे शिक्षकों समेत अन्य छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। सबसे ज्यादा शर्मिंदगी विद्यालय की शिक्षिकाओं और बालिकाओं को उठाना पड़ रहा है। केन्द्र सरकार की ओर से चलाए जा रहे स्वच्छ भारत मिशन के तहत हर घर शौचालय का निर्माण किया जाना है।
अब सवाल उठता है कि जब सरकार के सरकारी विद्यालयों में ही शौचालय की व्यवस्था पूरी नहीं हो रही है, तो घर–घर शौचालय का मिशन कैसे पूरा होगा? दूसरा सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब शिक्षा विभाग की लचर व्यवस्था के कारण देश के भविष्य यानी खुद विद्यार्थी ही खुले में शौच जाने को मजबूर होंगे तो ये क्या शिक्षा हासिल करेंगे और समाज को क्या सीख देंगे? इसका अंदाज़ा आप खुद लगा सकते हैं।
प्राप्त जानकारी और आंकड़ों के अनुसार, साहिबगंज जिले के तालझारी प्रखंड के कुल नौ विद्यालयों में शौचालय की व्यवस्था नहीं है, जबकि पतना प्रखंड के पांच विद्यालयों में शौचालय नहीं है। बरहेट प्रखंड के चार विद्यालय और बोरियो प्रखंड के आठ विद्यालयों में शौचालय की कोई व्यवस्था नहीं है। बात मंडरो प्रखंड की करें तो यहां दो विद्यालयों में शौचालय नहीं है।
वहीं मुख्यालय होने के बावजूद साहिबगंज के एक विद्यालय में शौचालय उपलब्ध नहीं है। ये आंकड़े प्रमाणित करते हैं कि सरकार का शिक्षा विभाग बेखौफ होकर न सिर्फ स्वच्छ भारत मिशन की धज्जियां उड़ा रहा है, बल्कि विद्यार्थियों व शिक्षकों को भी खुले में शौच करने की सीख दे रहा है।
गौरतलब है की आलाधिकारी स्वच्छता अभियान के तहत जिले को ओडीएफ घोषित करने का दावा कर रहे हैं, लेकिन जिले के दर्जनों सरकारी विद्यालय ऐसे हैं, जो अब तक शौचालय विहीन हैं। एक ओर भारत सरकार हर घर नल जल योजना चला रही है। वहीं साहिबगंज जिले के 31 विद्यालयों में शौचालय का न होना, किसी अभिशाप से कम नहीं है।
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