आपातकाल के 50 वर्ष बाद भी भारतवासी नहीं भूले "काला अध्याय"
आपातकाल के 50 वर्ष बाद भी भारतवासी नहीं भूले "काला अध्याय": पूर्व विधायक अनंत ओझा ने किया कांग्रेस पर तीखा हमला
पाकुड़ (झारखंड), 25 जून — राजमहल विधानसभा क्षेत्र के पूर्व भाजपा विधायक अनंत कुमार ओझा ने रविवार को अपर्णा मार्केट कांप्लेक्स में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस के दौरान आपातकाल की 50वीं बरसी पर कांग्रेस को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि "25 जून भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में काले दिवस के रूप में हमेशा याद रखा जाएगा।"
ओझा ने दावा किया कि वर्ष 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के खिलाफ आए निर्णय से बचने के लिए असंवैधानिक रूप से आपातकाल लागू कर समूचे देश को एक खुली जेल में तब्दील कर दिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि आपातकाल के दौरान देशवासियों के मौलिक अधिकारों को कुचला गया और लोकतंत्र को बेरहमी से रौंदा गया।
उन्होंने यह भी कहा कि "देश के लाखों निर्दोष नागरिकों को बिना मुकदमे के जेलों में ठूंस दिया गया। प्रेस पर सेंसरशिप लगा दी गई और अभिव्यक्ति की आज़ादी खत्म कर दी गई।" ओझा ने आरोप लगाया कि 80 लाख से अधिक लोगों की जबरन नसबंदी करवाई गई और तुर्कमान गेट जैसी घटनाओं ने सरकार की क्रूरता को उजागर किया।
पूर्व विधायक ने बाबू जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में चल रहे भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा कि आपातकाल ने उस जनांदोलन की आवाज को भी दबा दिया था। "वो समय लोकतंत्र नहीं, तानाशाही का था," उन्होंने तीखे स्वर में कहा।
कार्यक्रम में भाजपा जिलाध्यक्ष अमित पांडे, प्रदेश मंत्री दुर्गा मरांडी समेत कई वरिष्ठ नेता और पार्टी कार्यकर्ता उपस्थित थे। उन्होंने भी आपातकाल को लोकतंत्र के लिए एक काला दौर बताया और कहा कि नई पीढ़ी को इस इतिहास से सीख लेनी चाहिए।
पार्टी द्वारा देशभर में आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर इस ‘काले अध्याय’ को याद करते हुए जनजागरण अभियान चलाया जा रहा है। ओझा ने सभी नागरिकों से अपील की कि वे लोकतंत्र की रक्षा के लिए सजग और जागरूक रहें।
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