बारिश के जलजमाव से गाँव का टूटा संपर्क,आवागमन हुआ अवरुद्ध...
Jul 31, 2020
Edit
बारिश के जलजमाव से गाँव का टूटा संपर्क,आवागमन हुआ अवरुद्ध
उधवा/साहिबगंज: प्रखंड क्षेत्रों में लगातार हो रही झमाझम बारिश से आसपास के गांव में बारिश का पानी जमा हो गया।जलजमाव से लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। जानकारी के मुताबिक पश्चिम प्राणपुर गांव में जलजमाव की समस्या का सामना करने के लिए आम लोग मजबूर हो गए है।ऐसे सैकड़ों जगहों की स्थिति काफ़ी दयदिनीय हैं।जिसमें हल्के-फुल्के बारिश में ही महीनों तक जलजमाव लगा रहता हैं। जलजमाव अधिक दिनों तक रहने से लोगों को बीमारी होने का भय सता रहा हैं। बारिश से कई स्थानों पर जलजमाव, कीचड़ व गंदगी से पैदा होने वाली मच्छर व बैक्टीरिया बीमारियां फैलना शुरू हो गया है।
ऐसे ही एक स्थिति पंचायत के अलाउद्दीन टोला के प्रवेश द्वार में महीनों तक जलजमाव रहता हैं। गाँव के प्रवेश द्वार में ही लगभग 3 से 4 फिट पानी महीनों तक जमा रहता हैं। ग्रामीण नूर आलम,एजाबुल शेख, सनाउल सेख आदि का कहना है कि कई वर्षों से जलजमाव की स्थिति से जूझ रहे हैं।
Also read: आज साहिबगंज में कोरोना पॉजिटिव के 19 नए मामले.
बारिश का जमा जल बहाव का कोई विकल्प नहीं है।डर है कि कही उनके बच्चे जलजमाव की गोद मे न चले जाएं। ग्रामीणों ने कहा कि कई दिन यहाँ बच्चे डूबते-डूबते बचे हैं। गाँव के प्रवेश द्वार होने के कारण कोई न कोई व्यक्ति की नजर इस ओर पड़ जाते हैं।
और बच्चे को बचा लेते हैं।ऐसी ही स्थिति अगर बानी रही तो एक दिन हादसा होने से इनकार नहीं किया जा सकता हैं।इस गाँव में एक सरकारी युपीएस स्कूल अलाउद्दीन टोला है। देश मे तालाबंदी से पहले बच्चे पढ़ने के लिए जाया करते थे जहाँ बच्चे जान को जोख़िम उठाकर पढ़ने जाया करते है।
Also read: सभी योजनाओं का क्रियान्वयन सही ढंग से हो:बीडीओ
कई बच्चों को उनके अभिभावकों ने कंधे पर उठाकर स्कूल में पहुचाया करते थे।लेकिन अब देश में तालाबंदी के वज़ह से सभी स्कूले बंद रहने के कारण अभिभावकों को ऐसी हालत से निजात मिला है। लेकिन जलजमाव अभी भी जस की तस बनी हुई हैं ।
साथ ही अभी के दौर में कोरोना महामारी के चलते सरकारी सह निजी स्कूलों को बंद रखा गया है।यह आश्चर्यचकित करने वाली बात है कि यह गाँव में प्रवेश करने के लिए सायद कुछ दिन बाद नाव की जरुरत पड़ेगी।लोग जलजमाव की समस्या से मुक्ति दिलाने की मांग जनप्रतिनिधियों और पदाधिकारियों से कर रहे हैं , बावजूद जनप्रतिनिधि बेपरवाह हैं।