साइबर अपराधियों ने ठगी करने का बदल दिया है तरीका, अब ऐसे बना रहे हैं शिकार
Jharkhand : साइबर अपराधी (Cyber Criminal) तरह तरह से ठगी का पैतरा अपना रहा है, पहले बैंक अफसर बन कर लोगों से ठगी करते थे, लेकिन अब इन्होंने ट्रेंड बदल दिया है. अब साइबर अपराधी विभिन्न कंपनियों के जरिये लोगों को बल्क में लुभावने मैसेज भिजवा रहा है.
इन मैसेजों में फर्जी दस्तावेज के जरिये लिये गये नया मोबाइल नंबर भी पहुंचा रहा है. इसके अलावा साइबर अपराधी फ्रॉड के लिए गूगल में कस्टमर केयर की जगह अपना नंबर डाल कर स्क्रीन शेयरिंग ऐप (Screen sharing app) के जरिये भी ठगी कर रहे हैं.
वहीं, ई-काॅमर्स प्लेटफार्म पर भी लोगों की जानकारी लेकर उन्हें निशाना बना रहे हैं. इधर, लगातार मिल रही शिकायतों के बाद झारखंड पुलिस साइबर अपराधियों (Cyber Criminals) के लिए बल्क मैसेज भेजनेवालों की पहचान में जुटी.
इसमें सफलता भी मिली है. इनमें राउंड एसएमएस मार्केटिंग सॉल्यूशन है. इसका एक कर्मी ने अपने मोबाइल नंबर 9513477108 को मेसर्स भास साॅफ्टवेयर लैब के नाम से रजिस्टर्ड कर रखा है. दूसरी एसएमएस करो नाम की कंपनी है.
इसका भी एक कर्मी 9592702029 नंबर का व्हाट्सऐप नंबर यूज करता है. यह नंबर हर्षित कुमार दास के नाम पर रजिस्टर्ड है. वहीं, बिहार के भागलपुर का युवक लोकेश कुमार ने अपने मोबाइल नंबर 9212021234 को हुंडई पनेल नाम से रजिस्टर्ड करा रखा है.
तीनों का काम झारखंड के साइबर अपराधियों की मदद पहुंचाये जानेवाले लुभावने मैसेज को एक साथ बल्क में देश के कई राज्यों में भेजना है. साइबर अपराधी इन्हें मोटी रकम देते हैं.
झारखंड पुलिस की जांच में यह बात भी सामने आयी है कि पश्चिम बंगाल से फर्जी दस्तावेज के सहारे झारखंड के जामताड़ा, देवघर, गिरिडीह आदि जिलों के साइबर अपराधी थोक में सिमकार्ड लेते हैं. जिसका उपयोग साइबर अपराध में किया जाता है.
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