वो 5 हस्तियां, जिन्होंने दुनिया को कहा अलविदा : छूटा इनका साथ, अलविदा 2022


साल 2022 अब बीत चुका है। 

वो 5 हस्तियां, जिन्होंने दुनिया को कहा अलविदा :  छूटा इनका साथ, अलविदा 2022


ये समय है पलट कर पीछे देखने का और उस साल हुई महत्वपूर्ण घटनाओं को याद करने का। इस आर्टिकल में हम आपको भारत की उन 5 मशहूर हस्तियों के बारे में बताएंगे, जिन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया।

1:- राजू श्रीवास्तव : कॉमेडी के बेताज बादशाह रहे राजू श्रीवास्तव का 21 सितम्बर 2022 को 58 साल की उम्र में हार्ट अटैक के कारण निधन हो गया। लगभग एक महीने तक मौत के साथ लंबा संघर्ष करने के बाद कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव ने इस दुनिया को अलविदा कहा। कानपुर के एक मध्यमवर्गीय परिवार में पैदा होने वाले राजू श्रीवास्तव सदी के महानायक अमिताभ बच्चन को अपना आदर्श मानते थे और उनकी मिमिक्री करके ही उन्होंने अपनी खास पहचान बनाई थी। 'द ग्रेट इंडियन लॉफ्टर चैलेंज' के मंच से आम लोगों के दिलों में उतरने वाले राजू श्रीवास्तव ने बॉलीवुड की कई फिल्मों में हास्य अभियन भी किया था। 10 अगस्त को जिम में अचानक बेहोश हुए राजू श्रीवास्तव को इलाज के लिए एम्स में भर्ती कराया गया था, जहां डॉक्टरों ने उन्हें बचाने की भरसक कोशिश की, लेकिन दुनिया को हंसाने वाले राजू सबको रूलाते हुए महाप्रयाण की ओर निकल गए।

2: -  मुलायम सिंह यादव : समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव का 82 साल की उम्र में 10 अक्टूबर 2022 को निधन हो गया। सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव लंबे समय से बीमारी चल रहे थे। देश के रक्षा मंत्री रहने के साथ मुलायम सिंह यादव तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे। खुद को राम मनोहर लोहिया का शिष्य कहने वाले मुलायम सिंह यादव सपा कार्यकार्ताओं के बीच नेता जी के नाम से लोकप्रिय थे। इसके अलावा लोग उन्हें धरती पुत्र कहकर भी संबोधित करते थे। लगभग 5 दशकों के लंबे राजनीतिक जीवन में 8 बार विधायक और 7 बार लोकसभा सांसद रहे। मुलायम सिंह 90 के दशक में प्रधानमंत्री का पद पाते-पाते रह गये थे। मौजूदा समय में उनके बेटे अखिलेश यादव सपा की अगुवाई कर रहे हैं।

3:- लता मंगेशकर:- भारत रत्न स्वर कोकिला लता मंगेशकर को क्वीन ऑफ मेलोडी भी कहा जाता है। 36 भाषाओं में लगभग 50 हजार से ज्यादा गीत गाने वाली लता मंगेशकर ने फिल्मों के लिए उस समय गाना शुरू किया था, जब हमारा देश आजाद भी नहीं हुआ था। संगीत के क्षेत्र में लता मंगेशकर के सर्वश्रेष्ठ योगदान को सम्मानित करते हुए भारत सरकार ने उन्हें दादा साहेब फाल्के पुरस्कार, पद्म विभूषण, पद्म भूषण और देश के सर्वोच्च सम्मान भारत - रत्न से नवाजा था। लगभग 7 दशक के पार्श्व गायन के सफर में हजारों गीत गाने वाली लता मंगेशकर का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी सुनहरे अक्षरों में दर्ज है। 92 वर्ष की उम्र में 6 फरवरी 2022 को आखिरी सांस लेने वाली लता मंगेशकर को 12 बार फिल्म फेयर पुरस्कारों के लिए नामांकित किया गया था, जिसमें से 6 बार लता जी ने इस पुरस्कार को जीता था।

4:- बॉलीवुड के मशहूर गायक और जवां दिलों की आवाज रहे केके यानी कृष्ण कुमार कुन्नथ का 31 मई 2022 को कोलकाता में निधन हो गया। महज 53 साल की उम्र में हमेशा के लिए खामोश हो गये केके ने 90 के दशक से अपने सिंगिग करियर की शुरुआत की। हिंदी, बंगाली, तमिल, कन्नड़, मलयालम, मराठी और असमिया भाषा सहित अन्य भाषाओं में 700 से ज्यादा गीतों को आवाज देने वाले केके कुल 6 बार  फिल्मफेयर पुरस्कार के लिए नामांकित हुए लेकिन हर बार वो इस खिताब से चूक गये। मैंने दिल से कहा ढूंढ लाना खुशी, तड़प-तड़प के इस दिल से आह निकलती रही, तू ही मेरी शब है और 'याद आएंगे ये पल' जैसे अमर गीत गाने वाले केके हमेशा हमारी यादों में रहेंगे। 31 मई को केके कोलकाता के एक कार्यक्रम में लाइव परफॉर्मेंस दे रहे थे, तभी उन्हें बेचैनी हुई। जिसके बाद उन्हें होटल ले जाया गया, जहां वो बेहोश हो गये। उसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने हार्ट अटैक के कारण केके को मृत घोषित कर दिया। निधन के बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने केके को राजकीय सम्मान दिया और शव को मुंबई के लिए रवाना किया था

5: बिरजू महाराज :- कथक सम्राट के नाम से मशहूर पंडित बिरजू महाराज ने भारतीय नृत्यकला को पूरी दुनिया में पहचान दिलाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई थी। नृत्य के क्षेत्र में गजब की महारथ रखने वाले बिरजू महाराज ने पाकीजा, तीसरी कसम, मुगल-ए-आजम जैसी हिंदी फिल्मों में नृत्य का निर्देशन किया था। इसके अलावा देवदास, डेढ़ इश्किया, उमराव जान और बाजी राव मस्तानी जैसी फिल्मों में बिरजू महाराज ने बतौर नृत्य संयोजन किया था। साल 2016 में फिल्म बाजीराव मस्तानी के गीत 'मोहे रंग दो लाल' के लिए बिरजू महाराज को फिल्मफेयर पुरस्कार मिला था। इसके अलावा साल 2012 में अभिनेता कमल हसन की फिल्म 'विश्वरूपम' के लिए बिरजू महाराज को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी मिला था। गायन और नृत्य को अद्वैत दर्शन मानने वाले बिरजू महाराज का जन्म 4 फरवरी 1937 को लखनऊ के नृत्य घराने में हुआ था। चाचा लच्छू महाराज से नृत्य की शिक्षा लेने वाले बिरजू महाराज को भारत सरकार ने साल 1983 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया था। इसके अलावा बिरजू महाराज को संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, कालिदास सम्मान के साथ-साथ बीएचयू से मानद डॉक्टरेट की उपाधि भी मिली थी। 17 जनवरी, 2022 को 83 साल की उम्र में बिरजू महाराज का निधन दिल्ली में हुआ था।

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