पर्यटकों को आकर्षित करते हजारीबाग के विभिन्न प्राकृतिक स्थल


ज़ारीबाग़ :- नव वर्ष के अवसर पर सैलानियों को हजारीबाग जिले के बड़कागांव के विभिन्न प्राकृतिक स्थल, पिकनिक के लिए लुभा रही है।

पर्यटकों को आकर्षित करते हजारीबाग के विभिन्न प्राकृतिक स्थल


प्रखंड में ऐसे तो कई हसीन वादियां, जलप्रपात तथा पहाड़ हैं, जहां लोग सालों भर पूरे परिवार के साथ पिकनिक मना सकते हैं तथा घूमफिर सकते हैं। हरे-भरे जंगल, ऊंचे-ऊंचे पहाड़, ऊंचाइयों से गिरते हुए जलप्रपात, बहती हुई नदियां, लोगों को पिकनिक के लिए भाती है। प्रखंड के गट्टी कोचा झरना, प्रखंड मुख्यालय से 17 किलोमीटर दूर स्थित महूगांए कला पंचायत स्थित, हाहे के समीप गट्टी कोचा स्थित है। 

इस झरना की खूबसूरती ऐसी है कि लोगों को बरबस अपनी ओर आकर्षित करती है। लगभग 85 फीट ऊंचे पहाड़ से पानी गिरता है, जिसे लोग देखने के लिए बहुत दूर-दूर से आते हैं। खासकर बरसात के दिनों में यहां अद्भुत नजारा देखने को मिलता है। यह पिकनिक मनाने के लिए सर्वश्रेष्ठ जगह माना जाता है।

बुढ़वा महादेव, टुमारो झरना व रानीदह प्रखंड मुख्यालय से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर महूदी पहाड़ में स्थित है। बुढ़वा महादेव, रानीदह और डूमारो झरना में हिंदू धर्म आस्था का केंद्र है। यहां की सुंदरता और खूबसूरती अपने आप में देखने लायक है। बुढ़वा महादेव मंदिर जमीन से लगभग 500 मीटर ऊंचाई पहाड़ पर स्थित है, जो चारों तरफ से जंगलों से घिरा हुआ है। 

बुढ़वा महादेव मंदिर प्रांगण से बड़कागांव प्रखंड व केरेडारी प्रखंड के गांव को वहां से आसानी पूर्वक अवलोकन किया जा सकता है। पहाड़ियों से घिरा होने के कारण बुढ़वा महादेव लोगों के लिए पूजापाठ एवं पिकनिक के लिए आकर्षित करते हैं तथा डूमारो नदी तो कई छोटी मोटी नदियों का मेल है, अपने आप में इसकी सुंदरता देखने लायक है। यहां गर्मियों के दिन में भी हजारों लोग घूमने - फिरने और पिकनिक मनाने आते हैं। 

डूमारो नदी जंगल से नजदीक होने के कारण जंगली जानवर भी यहां के जंगलों में देखने को मिल जाता है। जिससे सैलानियों की संख्या ज्यादा हो जाती है। वहीं मात्र एक किलोमीटर की दूरी पर रानीदह है, यहां प्रकृति का अद्भुत नजारा दिखता है।

कोतीझरना भी प्रखंड मुख्यालय से लगभग 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जो बड़कागांव तथा केरेडारी के सीमा पर स्थित है। कोतीझरना फटेरिया पानी में स्थित है, जो अंगों पंचायत के अंतर्गत आता है। इसकी खासियत यह है कि ठंड के मौसम में यहां का जलस्तर बढ़ जाता है। यह नदी कभी नहीं सूखती है, जिससे सैलानियों को पिकनिक मनाने के लिए एक अद्भुत जगह मिलती है। खासियत है कि पहाड़ों का पानी छन-छन करके नदी में प्रवाहित होती है, जिससे झरने की खूबसूरती का नजारा देखने लायक होता है।

12 चतर पहाड़ व जोभीया घाटी प्रखंड मुख्यालय से लगभग 21 किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित है। वहां दोनों तरफ से पहाड़ स्थित है, यहां का नजारा देखने लायक है, क्योंकि यह पहाड़ सीढ़ियों की तरह चढ़ा हुआ है, जो देखने लायक है। यहां लोगों के सेल्फी लेने लायक एक अद्भुत जंगल है, यहां लोग साल भर पिकनिक व घूमने-फिरने आते हैं। यह पहाड़ चारों तरफ जंगलों से घिरा हुआ है, जिससे अद्भुत नजारा देखने को मिलता है।
 
प्रखंड मुख्यालय से लगभग 25 किलोमीटर दूरी पर इफको गुफाएं स्थित है। इस गुफा की खासियत यह है कि यहां के पहाड़ों में प्राचीन युग भाषा में उकेरी आकृतियां आज भी मौजूद हैं, जो लोगों के लिए रहस्यमई है, जिसे पढ़ने के लिए दूर-दूर से विद्वान लोग आते हैं और उकेरी आकृतियों को समझने तथा जानने का प्रयत्न करते हैं। यहां हिंदू धर्म के लोगों का आस्था जुड़ा है। यहां मेला का आयोजन भी किया जाता है। यहां सालों भर सैलानियों का आना - जाना लगा रहता है, यह गुफा पिकनिक के लिए सर्वश्रेष्ठ जगह है। चारों तरफ पहाड़ों तथा जंगलों से घिरा होने के कारण यह अपने आप में अद्भुत है।

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