"सिफरी" की टीम पहुंची साहिबगंज, राजमहल गंगा घाट में टीम द्वारा दो लाख मछली के अंडे और दो हजार स्पॉन छोड़े गए, अब होगा हिलसा मछली का पालन और मछुआरों को मिलेगा रोजगार


साहिबगंज : "सेंट्रल इनलैंड फिशरीज रिसर्च इंस्टीट्यूट" (सिफरी) की टीम बैरकपुर से साहिबगंज पहुंची, जहां टीम के निर्देशन में "हिलसा स्पॉन एंड हिलसा फर्टिलाइज्ड एग हेचिंग प्रोग्राम" का आयोजन किया गया। 

"सिफरी" की टीम पहुंची साहिबगंज, राजमहल गंगा घाट में टीम द्वारा दो लाख मछली के अंडे और दो हजार स्पॉन छोड़े गए, अब होगा हिलसा मछली का पालन और मछुआरों को मिलेगा रोजगार


"सिफरी" टीम के शोधकर्ताओं ने साहिबगंज के राजमहल प्रखंड के सूर्यदेव गंगा घाट जाकर हजारों हिलसा मछली के स्पॉन छोड़े, ताकि बृहद पैमाने पर हिलसा मछली का उत्पादन किया जा सके और यहां के मछुआरे को इसका लाभ मिल सके।

मौके पर मत्स्य अनुसंधान केन्द्र के रिसर्च एसोसिएट डॉक्टर विनोद कुमार ने बताया कि आईसीएआर - "सिफरी" और परियोजना के निदेशक डॉक्टर बसंत कुमार दास और वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉक्टर ए साहू के निर्देश पर गंगा नदी में विलुप्त हो रही हिलसा मछली के विकास एवम अनुसंधान के लिए ये स्पॉन्स छोड़े गए हैं। इससे गंगा में प्रवास कर रहे जीव - जंतुओं के बीच हिलसा मछली की तादाद बढ़ेगी। उन्होंने बताया की मछली के निषेचित अंडों को गोदाखाली से मंगवाया गया है। 

लगभग दो लाख हिलसा मछली के निषेचित अंडे और हिलसा मछली के दो हजार स्पॉन गंगा नदी में एक निश्चित और विशेष स्थान पर छोड़ा गया है। उन्होंने बताया कि इन दिनों फरक्का नदी में हिलसा मछली की संख्या काफी कम हो गई है। इसी को ध्यान में रखते हुए हिलसा मछली के लाखों स्पॉन को गंगा में छोड़ा गया।

मौके पर मौजूद कई मछुआरों ने बताया कि भारत सरकार के सहयोग से मछुआरों के हित के लिए लाखों स्पॉन गंगा में छोड़ा जाता है, जिससे हमें रोजगार उपलब्ध होता है। लोगों ने बताया की अब गंगा में हिलसा मछली नहीं पाई जाती है। मछुआरों और स्थानीय ग्रामीणों ने दो लाख मछली के अंडे और दो हजार हिलसा मछली के स्पॉन गंगा में छोड़े जाने पर खुशी जताई। मौके पर "सिफरी" की टीम में शोधकर्ता दीपक कुमार गुप्ता, नवो कुमार आचार्य, सहयोगी सिमरन हलधर, प्रभात चंद्र, फारुख शेख, अमित चौधरी समेत कई अन्य मौजूद थे।

पूर्व में भी छोड़ा गया था हिलसा मछली का स्पॉन

बता दें की इसके पूर्व भी "दी झारखंड ईस्टर्न गांजेटिक फिशरमैन कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड" के सहयोग से "सिफरी" की टीम ने साहिबगंज के पुरानी साहिबगंज गंगा घाट में विशेष स्थान का चयन कर 1.60 लाख मछली के निषेचित अंडे और हिलसा मछली के तीन हजार स्पॉन छोड़ा गया था, ताकी बृहद पैमाने पर साहिबगंज में भी हिलसा मछली का उत्पादन किया जा सके।

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