"एक डॉक्टर की मौत" ये एक फिल्म नहीं है, हमारी लकवाग्रस्त व्यवस्था का एक यथार्थ है,विदेशों से आयातित टेक्नोलॉजी पर जी रहा है 130 करोड़ की आबादी वाला ये देश ...


नोरंजन,

ये एक फ़िल्म नहीं है, हमारी लकवाग्रस्त व्यवस्था का एक यथार्थ है। फिल्म देखते समय आप उस बेबसी को जियेंगे, 

"एक डॉक्टर की मौत" ये एक फिल्म नहीं है, हमारी लकवाग्रस्त व्यवस्था का एक यथार्थ है,विदेशों से आयातित टेक्नोलॉजी पर जी रहा है 130 करोड़ की आबादी वाला ये देश ...

साथ ही फ़िल्म के नायक के साथ वो तकलीफ भी भोगेंगे। अनेक राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित तपन सिन्हा की  'एक डॉक्टर की मौत' वो फिल्म (1990) है,

जिसे आप एक बार देखेंगे तो जीवन भर याद रखेंगे। फिल्म में पंकज कपूर ने यादगार अभिनय किया है। फिल्म ये बताती है कि इस फिल्म का नायक डॉक्टर दीपंकर राय जैसी प्रतिभाएं या तो हमारे भ्रष्ट सिस्टम के आगे घुटने टेक देती है या विदेश प्रस्थान कर जाती है।

ये समझने की जरूरत है की क्यों हमारी बाँझ व्यवस्था नोबेल प्राइज जीतने वाले वैज्ञानिक पैदा नहीं कर सकती? प्रतिभाएं कैसे चौपट व्यवस्था के आगे बेबस हो जाती है। हमारे देश की वैश्या बन चुकी नौकरशाही की आत्मा मर चुकी है। रिसर्च का क्या स्तर है, कैसे पीएचडी होती है, 

लेकिन यहां तो हर जगह समझौता होता है, जो कुछ भी है, वो दूसरे या तीसरे दर्ज़े का है। कोई शोध, कोई खोज विश्व स्तर की नहीं। पंकज कपूर ने मानो इस पात्र को जिया है, उनके जैसे उत्कृष्ट कलाकार हमारे देश में है, किन्तु उस तरह की फिल्में नहीं बनती, जहाँ उनकी प्रतिभा का सही उपयोग किया जा सके। हमारे देश में सिस्टम कितना सड़ चुका है, चाहे वो विज्ञान का क्षेत्र हो या साहित्य का, या प्रतिभा की, यहां किसी की कोई क़द्र नहीं। देश रिसर्च के क्षेत्र मे शून्य है, इसी की कथा - व्यथा को उजागर करती है ये फिल्म।    

फिल्म का नायक दीपांकर हैं, जो एक डॉक्टर हैं और वो अपने रिसर्च से कुछ बड़ा हासिल करना चाहता है। देश को सम्मान दिलाना चाहता है, लेकिन अंत में हारकर विदेश जाने को मजबूर हो जाता है। शबाना आज़मी ने इस आदर्शवादी डॉक्टर की पत्नी की भूमिका बखूबी निभाई है, जहाँ दूसरे डॉक्टर लाखों कमा रहे हैं, उसका पति दीपांकर रिसर्च मे व्यस्त है, फिर भी भारत के समाज में उसकी कोई कद्र नहीं। फिल्म देखते समय ऐसा लगता है कि विदेशों से आयातित टेक्नोलॉजी पर जी रहा है ये 130 करोड़ की आबादी वाला देश....

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