गंगा में बढ़ते जलस्तर से फिर बिगड़े हालात, खानाबदोश बनी बाढ़ पीड़ितों की जिंदगी
फिर बढ़ने लगा बाढ़ का पानी, खानाबदोश की जिंदगी जी रहे बाढ़ पीड़ित, प्रशासन ने मूंद ली आंखें, दाने-दाने को तरस रहे लोग
साहिबगंज : जिले के राजमहल, उधवा और साहिबगंज सदर के कई इलाकों में एक बार फिर बाढ़ का खतरा बढ़ने लगा है। कुछ दिनों तक निचले हिस्से से बाढ़ का पानी धीरे-धीरे निकल रहा था। परंतु दो दिन से पानी में बढ़ोत्तरी हुई है, जिससे गंगा के आसपास बसे गांवों में बाढ़ से हालात और बिगड़ सकते हैं।
ऐसे में भविष्य में बाढ़ की आशंका को देखते हुए वहां बसे लोग आनेवाले समय को लेकर बेहद चिंतित नजर आ रहे हैं। दियारा इलाकों में एक बार फिर से पानी ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। दिन-ब-दिन गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर की वजह से आसपास के गांवों और कस्बों में रहनेवाले ग्रामीणों को अपना घर-बार छोड़कर भागना पड़ रहा है।
दियारा इलाका पूरी तरह से गंगा के पानी में डूब चुका है। ऐसे में सैकड़ों परिवारों को अपने रिश्तेदारों के घर में शरण लेनी पड़ रही है। कुछ दिन पहले ही गंगा नदी का पानी घटने से दियारा वासियों ने राहत की सांस ली थी। इधर-उधर रहनेवाले बाढ़ पीड़ित अपने-अपने घरों में लौटने लगे थे।
पर अचानक से गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि होने से एक बार फिर दियारा का बड़ा इलाका डूब गया है। ऐसे में वहां रहनेवाले लोगों को घर खाली कर सुरक्षित जगह पर शरण लेनी पड़ रही है। अभी भी साहिबगंज, उधवा और राजमहल में गंगा नदी खतरे के निशान को पार कर गई है। ऐसे में शहरी क्षेत्रों और मोहल्लों में बाढ़ का पानी एक बार फिर घुसने लगा है।
खानाबदोश बने बाढ़ पीड़ित
साहिबगंज में पिछले एक महीने से गंगा नदी में उफान है और हजारों बाढ़ पीड़ित खानाबदोश की तरह जीने को मजबूर हैं। खुले आसमान के नीचे तंबू गाड़ कर उन्हें जिंदगी गुजारनी पड़ रही है। हाल के दिनों में गंगा नदी में एक बार फिर जिस तरह से उफान आया है,
ऐसे में आनेवाले कई दिनों तक इन बाढ़ पीड़ितों को अपने घर-बार की ओर लौटने की संभावना कम ही नजर आ रही है। दरअसल कुछ दिन पहले जब पहली बार गंगा नदी में बाढ़ आई थी, तो हजारों दियारा वासियों ने अपना घर छोड़ दिया था और ऊंचे ठिकानों में शरण ले ली थी।
बीच में बारिश कम हुई तो गंगा नदी का जलस्तर नीचे गिरने लगा। ऐसे में जहां-तहां रह रहे बाढ़ पीड़ितों में घर वापसी की उम्मीद बंध गई थी, पर पिछले कुछ दिनों के दौरान जैसे-जैसे गंगा नदी का पानी बढ़ने लगा है। वैसे-वैसे ये बाढ़ पीड़ित निराश होने लगे हैं।
अब हालात ऐसे हैं कि गंगा नदी का पानी दियारा के बड़े इलाके को डुबोने लगा है और गांव के गांव पानी से लबालब हो गए हैं। ऐसे में इन ग्रामीणों की घर वापसी के रास्ते फिलहाल बंद हो गए हैं। अभी भी दर्जनों दियारा क्षेत्र के सैकड़ों बाढ़ पीड़ित परिवारों ने सड़क किनारे और बाग-बगीचों के अंदर शरण ले रखी है।
उनके घर में अभी भी पानी भरा हुआ है और उनकी जिंदगी खानाबदोश सी हो गई है। शुरू में कुछ दिन तक इन बाढ़ पीड़ितों में कभी-कभी खाना और पशु चारा दिया जाता था, पर अब प्रशासन ने भी आंखें मूंद ली है, ऐसे में ये लोग दाने-दाने के लिए तरस रहे हैं।

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