शहर में रोज़ बन रहे है कन्टेनमेंट जोन, प्रशासन लाचार......


शहर में रोज़ बन रहे है कन्टेनमेंट जोन, प्रशासन लाचार......  

साहिबगंज: देश में बढ़ते कोरोना के मरीज़ देश के स्वास्थ विभाग के लिए सर दर्द साबित होता जा रहा है। शनिवार शाम तक देश में 13 लाख से ज्यादा कोरोना संक्रमित होने का आकड़ा सामने  है।

शहर में रोज़ बन रहे है कन्टेनमेंट जोन, प्रशासन लाचार

हालात ख़राब होने का एक कारण यह भी है की 4 महीने बीत जाने के बाद भी शहर और गांव के अस्पतालों की जो स्थिति है वह स्वास्थ विभाग की तैयारियो का कच्चा चिट्ठा खोलने के लिए काफी है। बड़े से बड़े शहर हो या  बड़ा से बड़ा अस्पताल हर तरफ मंज़र काफी दर्दनाक नज़र आता है।  

बात अगर झारखण्ड की करे तो हालात बाद से बदतर होते है। शनिवार शाम तक जारी आकड़ों के हिसाब से राज्य में लगभग 8000 संक्रमित मरीज़ है। जिसमे की लगभग 4500 संक्रमित अभी भी संक्रमित है और लगभग 80 मौते हो चुकी है। साहिबगंज जिले  बात करे तो जिले में 146 संक्रमित है जिनमे 94 मरीज़ अभी भी संक्रमित है। आकड़ो की लिहाज़ से देखे तो आने वाले दिनों में हालात काफी गंभीर होने की संभावना है। लेकिन जिस तरह राज्य और जिले की प्रशासन और स्वास्थ विभाग काम कर रही है आने वाले दिनों में यह आकड़ा रुकता नहीं दिखता है। 

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साहिबगंज जिले की बात करे तो जिले का हर कोना कन्टेनमेंट जोन बना हुआ है। इसके बावजूद प्रशासन किसी प्रकार की कोई सख्ती नहीं दिखा  है। लगातार संक्रमितों के आकड़ो में बढ़ोतरी होने के बावजूद जिले में रैपिड टेस्ट तो दूर कन्टेनमेंट जोन में कई दिनों तक टेस्टिंग नहीं की जा रही है। हालात यहाँ तक बिगड़ आयी है की संक्रमित मरीज़ों को भी उनके घरों से नहीं लेजाया जा रहा है। 


सूत्रों से मिली खबर के अनुसार साहिबगंज में एक कोरोना संक्रमित मिलने के बावजूद उस मरीज़ को घर पर ही रहने की इज़ाज़त दे दी गई। आस पास के लोगों के विरोध करने पर संक्रमित मरीज़ को 2 दिन बाद प्रशासन कोविड-19 अस्पताल ले गयी।  कुछ यही हाल शहर के और भी कई हिस्सों में देखा जा रहा है।
 
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सूत्रों की माने तो प्रशासन इतनी लचर तरीके से काम कर रहा है की कई जगहों पर संक्रमित मिलने पर भी उस जगह को कन्टेनमेंट जोन बनाने में 2-3 दिनों का वक़्त लग  जाता है। ऐसे में आस-पास रह रहे लोगों में भी खौफ का माहौल है। 
कुछ लोगों का यह भी कहना है की संक्रमित मिलने के बावजूद कोई तरह की टेस्टिंग या सर्वे नहीं किया जा रहा है। ऐसे हालात में आने वाले दिनों में शहर में मौत का कहर भी मच सकता है। जिस स्थिति के लिए जिला तो दूर झारखण्ड या आस पास के राज्य भी किसी तरह की तैयारी में नज़र नहीं आती है। शायद अब सभी वैक्सीन के इंतज़ार में ही रह जयेंगे। 

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