निर्जला जितिया पर्व आज...
निर्जला जितिया पर्व आज
कल से ही नहाय खाय के साथ साहिबगंज में, जितिया पर्व शुरू हो गई है। माता अपनी संतान की दीर्घायु के लिए यह उपवास रखती हैं। वहीं समृद्धि की मंगल कामना के लिए आज निर्जला उपवास रख रही हैं ,और कल यानी नवमी को पारण करेंगी ।बता दें कि धार्मिक कर्मकांड में जि उतिया पर्व को अहम दर्जा प्राप्त है ।यह पर्व प्रत्येक वर्ष के आश्विन माह की, कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन किया जाता है ।
इस व्रत में महिलाएं 24 घंटे के लिए निर्जल उपवास रखती हैं। यह पर्व संतान की सुरक्षा, स्वास्थ्य, दीर्घायु, समृद्धि की मंगल - कामना पूर्ण करने वाला लोक पर्व है। जितिया महापर्व निर्जला (बिना अन्न जल का), उपवास होता है ।सभी माताएं अपनी संतान के कष्टों से बचाने, और उनके लंबी आयु की मनोकामना पूरी करने के लिए, यह व्रत करती हैं।
जिले के नर्वदेश्वर घाट, कबूतर खोपी के घाट, चानन घाट, राजमहल घाट, सुखसैना घाट सहित, विभिन्न गंगा घाटों पर महिलाओं की भीड़, स्नान को लेकर जुटी थीं। महिलाएं स्नान कर तिल,अक्षत ,रोली चंदन ,एवं फूलों से पूजा करती दिखीं। आज सभी महिलाएं निर्जला उपवास पर रहेंगी। यह पर्व संतान की दीर्घायु, और सुरक्षा कवच के लिए लक्ष्मण रेखा की तरह काम करती है। महिलाओं ने बताया कि प्रत्येक साल, इस पर्व को मनाने के लिए इंतजार करती हैं। वर्षों से यह पर्व अनवरत रूप से मना रही हैं ,इसीलिए सुबह - सुबह स्नान कर गंगा मैया की पूजा अर्चना कर रही हैं। आज यानी 10 सितंबर को दिन रात उपवास रखकर, अगले दिन यानी कल परण करेंगी।इस पर्व को जितिया, जीउतिया,या जीवित्पुत्रिका व्रत के नाम से भी जाना जाता है।
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