पूरे दिन घर में पड़ा रहा वृद्धा का शव, कोरोना के डर से बेटा भी डर से नहीं आया
Sahibganj News: कोरोना संक्रमण के डर से कुसुम विहार में एक वृद्धा का शव पूरे दिन पड़ा रहा, न तो महिला के बड़े बेटे ने शव का अंतिम संस्कार किया और न ही पड़ोसी. जिस छोटे बेटे के साथ महिला रहती थी, वह कोरोना पॉजिटिव होने के कारण 13 नवंबर से कैथलैब कोविड सेंटर में भर्ती है.
उसकी पत्नी भी पॉजिटिव हो गई है. प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से भी शव डिस्पोजल करने की गुहार लगाई गई, लेकिन कोई मदद नहीं मिली. अंत में मामले की जानकारी पाकर एक समाजिक कार्यकर्ता ने तेलीपाड़ा श्मशान में शव का अंतिम संस्कार कर दिया.
घटना के बारे में बताया कुसुम विहार निवासी 27 वर्षीय युवक 13 नवंबर को कोरोना पॉजिटिव हो गया था. वह अपनी पत्नी, बच्चों और वृद्ध मां के साथ रहता था. पड़ोस में ही उसका सगा बड़ा भाई भी रहता है. रात में वृद्धा खाना खाकर सोई थी पर सुबह उठी ही नहीं.
पता चला महिला की मौत हो चुकी है, इस घटना के बाद मुहल्ले में कोरोना से महिला की मौत की चर्चा फैल गई. युवक की पत्नी भी पॉजिटिव हो गई, उसे भी भर्ती कर लिया गया. इसके बाद महिला के शव के पास जाने को कोई तैयार नहीं था. बड़ा बेटा भी कोरोना के डर से अंतिम संस्कार के लिए आगे नहीं आया.
प्रशासनिक मदद भी नहीं मिली
कैथलैब में भर्ती कोरोना संक्रमित बेटे ने मां के अंतिम संस्कार के लिए सिविल सर्जन समेत कई स्वास्थ्य और प्रशासनिक अधिकारियों से गुहार लगाई. यह भी कहा कि यदि प्रशासन शव डिस्पोजल नहीं करा सकता तो उसे कैथलैब से शव के अंतिम संस्कार के लिए जाने दिया जाए. पर उसे कोई मदद नहीं मिली.
घटना ने कोविड मैनेजमेंट की भी पोल खोल दी है, दावा किया जाता है कि संक्रमित की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की जाती है और उसके संपर्क में आने वालों को चिह्नित कर उसकी कोरोना जांच कराई जाती है. इस मामले में युवक के संक्रमित पाए जाने के बाद भी उसकी बूढ़ी मां को चिह्नित नहीं किया जा सका. अधिकारियों का कहना है कि युवक ने जानकारी छिपाई है, जिसके कारण उसकी मां की जांच नहीं हो सकी.
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