शून्य बजट की प्राकृतिक खेती किसानों के लिए वरदान
Sahibganj News : एनएसएस के नोडल अधिकारी सह राज्यपाल मनोनीत सिंडीकेट सदस्य डॉ.रणजीत कुमार सिंह ने कहा कि संसद उत्सव 2021 के लिए जिला स्तर एनएसएस के प्रतिभागी नमिता कुमारी,तनवीर आलम, वर्षा कुमारी, अनामिका कुमारी, आदर्श कुमार एवं मनीष यादव ने नई कृषि शिक्षानीति उन्नत भारत आदि पर अपने - अपने विचार प्रखर और प्रमुख रूप से प्रस्तुत किये।
डॉ. रणजीत कुमार सिंह ने आगे कहा कि जिले का प्रदर्शन उत्कृष्ट एवं सराहनीय रहा है। आज देवघर से वर्चुअल ऑनलाइन प्रतियोगिता में संताल परगना के छह जिलों में से एक देवघर जिला के चयनित प्रतिभागियों ने भाग लिया,जिसमें साहिबगंज जिले से दर्ज़नो एनएसएस के छात्र - छात्राओं ने भी हिस्सा लिया।
प्रतिभागी नमिता ने अपने संबोधन में कहा कि शून्य बजट की प्राकृतिक खेती एक ऐसी पद्धति है जिसमें फसल तैयार करने की लागत मूल्य लगभग ना के बराबर होती है, क्योंकि यह एक जैविक खेती है,जिसमें सारी प्रक्रिया पूरी प्राकृतिक तरीके से होती है।
इस पद्धति के तहत प्राकृतिक कृषि के चार स्तंभ पाए जाते हैं।उन्होंने कहा कि जैविक खेती एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें देशी गाय की सहायता से खेती की जाती है।इसमें सिंचाई की आवश्यकता भी बहुत कम होती है तथा रसायनों का इस्तेमाल भी लगभग ना के बराबर होता है।
जाहिर सी बात है कि बीज बोने से लेकर फसल पकने तक की प्रक्रिया में जब किसानों पर आर्थिक दबाव कम होगा तो उनकी समृद्धि और उन्नति के नए रास्ते भी खुलेंगे,
और इसका सफलतम उदाहरण हम कर्नाटका और आंध्र प्रदेश के किसानों में देख सकते हैं।अंततः हम यह कह सकते हैं की शून्य बजट की प्राकृतिक खेती किसानों के लिए वरदान साबित हो सकता है।कार्यक्रम में शुभम चंद्रन, जिला युवा अधिकारी अवधेश जोशी का योगदान सराहनीय रहा।
0 Response to "शून्य बजट की प्राकृतिक खेती किसानों के लिए वरदान"
Post a Comment