दूसरे के घर बर्तन मांजने वाली दुलारी देवी को मिला पद्मश्री सम्मान
Bihar : मिथिला की माटी की बात ही निराली है। मिथिला की धरती ने जहां मिथिला पेंटिंग को एक नई ऊंचाई दी तो वहीं इससे जुड़ीं छह महिलाओं को पद्मश्री पुरस्कार दिलाया। खुशी इस बात की है कि इस वर्ष भी मिथिला पेंटिंग के लिए दुलारी देवी को पद्मश्री मिलेगा।
बिहार के मधुबनी जिले के रांटी गांव की रहने वाली 54 वर्षीय दुलारी के अनुसार, रविवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय से फोन के जरिए पद्मश्री मिलने की सूचना दी गई। मां के साथ दूसरे के घर बर्तन धोकर होता था गुजारा, मल्लाह जाति से संबंध रखने वालीं दुलारी देवी ने कहा, ' हम अनपढ़ जरूर हैं,
इसके बावजूद कुछ भी सीखने की ललक बचपन से रही। वे बताती हैं, पिता स्व. मुसहर मुखिया घर परिवार चलाने के लिए मजदूरी करते थे। वहीं, मां दूसरे के घर काम करने जाती थी। मेरी आयु जब दस वर्ष थी तो मैं भी मां के साथ काम करने जाती थी।
एक दिन मुझे महासुंदरी देवी के घर बर्तन धोने का काम मिला। वह पद्मश्री पुरस्कार प्राप्त व पेंटिंग में निपुण महिला थीं। उनके घर काम करते समय पेंटिंग की बारीकियों से अवगत होती रही। इसी दौरान मुझे पद्मश्री कर्पूरी देवी के साथ भी पेंटिंग सीखने का अवसर मिला।
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