पक्षियों के ऐसे मरने के पीछे हो सकता है बर्ड फ्लू का असर
झारखंड : अनुमंडल क्षेत्र के गोमिया के विभिन्न क्षेत्रों में पिछले 15 दिन से पक्षियों की मौत हो रही है. पक्षियों की मौत से सभी ग्रामीण चिंतित और डरे हुए हैं. वहीं पशुपालन विभाग के चिकित्सक भी हैरान हैं कि आखिर पक्षियों की मौत की वजह क्या है?
दरअसल शुक्रवार को उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र चतरोचटी थाना पंचायत के तिसकोपी गांव में सुबह पेड़ से एक कौआ गिरा. वहीं पर उसकी मौत हो गई. ग्रामीण कौवे को फड़फड़ाते देख सामने आये तो उन्होंने देखा कि पक्षी के शरीर में कोई भी चोट का निशान नहीं थे. कुछ दिन पहले भी तिसकोपी ग्राम में और भी कई पक्षियों की मौत हो चुकी है. यह दूसरी घटना है.
प्रखंड के पशुपालन विभाग के चिकित्सक सुरेश प्रसाद ने मृत कौवे का सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया है. लोगों को लग रहा है, शायद यह बर्ड फ्लू का असर है. इसी महीने की 14 तारीख को बड़की चिदरी पंचायत के चिलगो गांव में कुछ लोगों की मुर्गियां अचानक मर गयी थी.
प्रखंड के पशुपालन विभाग के चिकित्सक सुरेश प्रसाद ने मृत कौवे का सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया है. लोगों को लग रहा है, शायद यह बर्ड फ्लू का असर है. इसी महीने की 14 तारीख को बड़की चिदरी पंचायत के चिलगो गांव में कुछ लोगों की मुर्गियां अचानक मर गयी थी.
वहीं गोमिया के होसिर के एक होटल के निकट एक कबुतर मृत पाया गया. आस-पास के लोगों ने उसे प्लास्टिक में कवर कर दफन कर दिया. 13 जनवरी को भी प्रखंड के हजारी बैद्य टोला में चार पक्षियों की मौत हुई थी. ये पक्षी कुछ नये अलग के थे.
किसी ने इन पक्षियों को प्रवासी कहा तो किसी ने दूसरे राज्य का होने की बात कही. इसकी सूचना कुछ दिन बाद पशुपालन विभाग के चिकित्सक को दी गयी. जब उन्होंने मृत पक्षियों को मिट्टी खोदकर बाहर निकाला तो वहां सिर्फ हड्डियां ही मिली. लगातार पक्षियों की मौत होने से सभी ग्रामीण डरे हुए हैं.
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