सृजनात्मक, सकारात्मक, स्वालंबी, सहनशील व प्रकृति व पर्यावरणग्रही बनें युवा
साहिबगंज: नेहरू युवा केंद्र एवं एनएसएस के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय युवा दिवस सप्ताह एवं राष्ट्रीय प्रेरक स्वामी विवेकानंद जयंती नेहरू युवा केंद्र कार्यालय मे मनाई गई।
कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथि के द्वारा दीप प्रज्वलित कर व स्वामी विवेकानंद जी की मूर्ति पर माल्यार्पण कर किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्रीमती रेणु गुप्ता ने किया। इस मौके पर श्रीमती गुप्ता ने अपने वक्तव्य में कहा कि युवा दिवस के अवसर पर युवाओं को संकल्प लेना चाहिए कि किस तरह देश को आगे की ओर बढ़ाएं? उन्होंने कहा कि सशक्तिकरण के साथ-साथ नैतिक एवं चारित्रिक विकास की ओर ध्यान देना होगा, ताकि युवा भारत का सपना साकार हो सके। देश को विश्व गुरु बनाने के लिए आवश्यक है कि हम अपने युवा पूंजी को कर्तव्यनिष्ठ व स्वाबलंबी बनाएं।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ. रंजीत कुमार सिंह ने बताया कि युवा दिवस देश के युवाओं के लिए एक संकल्प लेने का दिवस है। अपने संबोधन में उन्होंने कहा की युगपुरुष स्वामी विवेकानंद जी ने भारतीय वेदांत और दर्शन का परचम पूरे विश्व में लहराया। वह तत्कालीन भारत के लिए नए ऊर्जा स्रोत की भांति कार्य कर रहा है। आज के युवा पीढ़ी को नए-नए इनोवेशन, वैचारिक एवं मानसिक प्रगति की ओर ऊर्जा को लगाना चाहिए।
नेहरू युवा केंद्र कार्यक्रम सहायक अवधेश जोशी ने बताया कि युवा किसी भी देश के भविष्य और भूत के बीच सेतु का कार्य करते हैं। युवा पीढ़ी यदि अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर होंगे तभी देश के भविष्य को नए आयाम दिए जा सकेंगे। अंतत: हमें इस युवा शक्ति की सकारात्मक ऊर्जा का संतुलित उपयोग करना होगा। उन्होंने एक उदाहरण देते हुए कहा कि, युवा पीढ़ी वायु के समान होती है। जब वायु पुरवाई के रूप में धीरे-धीरे बहती है तो सबको अच्छी लगती है। सबको बर्बाद कर देने वाली आंधी किसी को भी अच्छी नहीं लगती। हमें इस पुरवाई का उपयोग विज्ञान, तकनीक, शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में करना होगा। यदि हम इस युवा शक्ति का सकारात्मक उपयोग करेंगे तो हम विश्व गुरु ही नहीं, अपितु विश्व का निर्माण करने वाले विश्वकर्मा के रूप में भी जाने जाएंगे।
कार्यक्रम का मंच संचालन एन एस एस स्वयंसेवक अमन कुमार होली ने किया। उन्होंने बताया कि 'युवाओं के कंधों पर युग की कहानी चलती है। इतिहास उधर मुड़ जाता है जिस ओर जवानी चलती है।' हमें इन भावों को साकार करते हुए अंधेरे को कोसने की बजाय 'अप्प दीपो भव:' की अवधारणा के आधार पर दीपक जला देने की परंपरा का शुभारंभ करना होगा। कार्यक्रम में सहायक शिक्षिका एकता यादव ,आशीत कुमार साह , गौरव कुमार ने भी अपने विचार व्यक्त किए, जबकि धन्यवाद ज्ञापन विनय टुडू ने किया।
मौके पर कार्यक्रम में आर एन पी के प्रशांत प्रखर, ओमल कुमार मंडल, विष्णु कुमार घोष, निभा कुमारी, विनय टुडू, हेलारियूस मरांडी, सुनील हांसदा, फिलिप मुर्मू , विकास कुमार ठाकुर, सुनील कुमार, संटु हांसदा, सोमनाथ प्रसाद मंडल, एवं दर्जनों छात्र-छात्राएं मौजूद थे।
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