हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा और मातृभाषा दोनों है : डॉक्टर मिश्र
Sahibganj News : शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के द्वारा जमुना दास केदारनाथ चौधरी सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में "नई शिक्षा नीति एवं मातृभाषा" पर एक विचारगोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी का आरंभ भारत माता, सरस्वती माता एवं ओमकार के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन कर किया गया।
गोष्ठी का विषय प्रवेश कराते हुए विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. शैलेश मिश्र ने बताया कि विश्व के किसी भी देश में प्रारंभिक शिक्षा विदेशी भाषा में नहीं दी जाती है। हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा और मातृभाषा है और यह पूरे देश को एकता में बांधे हुए है।
हमें अपने दैनिक जीवन में मातृभाषा का अत्यधिक प्रयोग करना चाहिए। विद्यालय के सचिव डॉ. विजय कुमार ने बताया की हिंदी भाषा या मातृभाषा मनुष्य के व्यक्ति का सबसे सबल साधन है।
साहिबगंज महाविद्यालय की पूर्व प्राचार्य डॉ. मृदुला सिन्हा ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 में जो कमियां रह गई थी, उसे पूरा करने का प्रयास नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में की गई है। मातृभाषा के विकास से ही भारत का विकास संभव है।
विद्या विकास समिति झारखंड के साहिबगंज विभाग प्रमुख एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे रामावतार साहू ने बताया कि भारत में कई संगठन ने जो मातृभाषा के विकास के लिए प्रयासरत है। लेकिन इनमें विद्या भारती की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण रही है।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ निरंतर मातृभाषा के विकास और देश की प्रगति के लिए प्रयास कर रहे हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग संचालक विजय कुमार ने बताया कि मातृभाषा केवल ज्ञान प्राप्ति का साधन ही नहीं, अपितु मानवाधिकार संरक्षण, सुशासन, शांति निर्माण, सामंजस्य और सतत् विकास के हेतु एक आधारभूत अहर्ता है।
गोष्ठी का मंच संचालन भगवती रंजन पांडे ने किया। गोष्ठी में आनंद मोदी, प्रो. वकील पोदार, डॉ. सुरेंद्र नाथ तिवारी, प्रमोद पांडे, सुबोध राउत, डॉ. देवब्रत, डॉ. ममता विद्यार्थी, राकेश कुमार, शिवम शर्मा, आकाश पांडे, श्रीमती कुमारी गरिमा, कुंज बिहारी एवं विद्यालय के आचार्य एवं दीदी - भैया उपस्थित थे।
Sahibganj News के साथ WhatsApp, Telegram पर जुड़े और पाए डायरेक्ट खबर अपने मोबाइल पर, whatsapp पर क्लिक करके जुड़ें
0 Response to "हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा और मातृभाषा दोनों है : डॉक्टर मिश्र"
Post a Comment