57वीं पुण्यतिथि पर याद किए गए पण्डित नेहरू : एक महीने तक नेहरू किचन की हुई शुरुआत


दे के पहले प्रधानमंत्री पण्डित जवाहर लाल नेहरू की आज 57वीं पुण्यतिथि है। 27 मई, 1964 को जवाहर लाल नेहरू ने अंतिम सांस ली थी। आज उनकी पुण्यतिथि के मौके पर देश उनको नमन कर रहा है।

Pandit Nehru remembered on the 57th death anniversary

इस मौके पर जिला कांग्रेस कमिटी द्वारा भी बंगाली टोला स्थित जिला कांग्रेस कार्यालय में कांग्रेसजनों ने दो मिनट का मौन व्रत रखकर पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना किया गया।

फिर सारे कांग्रेसजनों ने उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दिया। इस अवसर पर जिला अध्यक्ष अनुकूल मिश्रा ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू की तीन पीढ़ियों ने आजादी की लड़ाई में अपना योगदान दिया है।

उनकी तीन पीढ़ी भारत की आज़ादी की लड़ाई में जेल गए। नेहरू जी देश की आज़ादी के लिए पहली बार 1922 में जेल गए और 1945 में आखिरी बार रिहा होने के बीच वो कुल नौ बार जेल गए थे।

ऐसा नहीं कि राजनीतिक बंदी होने के नाते जेल में बड़ी अच्छी सुविधाएं मिलती हों। वो अंग्रेजों की जेल थी और उनकी सजा में सश्रम कारावास भी था।

उन्होंने कहा कि आज़ादी की लड़ाई में वो न सिर्फ तन और मन से लगे थे बल्कि करोड़ों रुपये लगा कर आंदोलन की धार को कभी कमजोर नहीं होने दिया। ऐसी पुण्यात्मा को हृदय से नमन करता हूं।

जिला अध्यक्ष अनुकूल मिश्रा ने जवाहरलाल नेहरू के पुण्यतिथि के अवसर पर घोषणा करते हुए कहा कि शुक्रवार से प्रत्येक दिन एक महीना तक नेहरू किचन का आयोजन किया जाएगा।

जहां होटल अभिनव श्री स्थित जिला कांग्रेस कोविड कंट्रोल रूम में गरीबों को एक माह तक नि:शुल्क भोजन कराया जाएगा। शुक्रवार से ही नेहरू किचन का आरंभ भी किया जाएगा।

मौके पर जिला अध्यक्ष अनुकूल मिश्रा के साथ जिला सचिव सरफ़राज़ आलम, जिला सचिव नित्यानंद गुप्ता, नगर अध्यक्ष महेन्द्र पासवान, नगर उपाध्यक्ष अनूप हर्षवाल, पूर्व सोशल मीडिया प्रभारी संतोष स्वर्णकार, सेवादल प्रमुख अल्ताफ हुसैन, मो .नेहाल आदि शामिल थे।

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