40 साथी हुए शहीद, मातम भरे वर्ष में न दें बधाई और शुभकामनाएं : प्रीतम भाटिया
Ranchi : आल इंडिया स्माॅल एंड मीडियम जर्नलिस्ट वैलफेयर ऐसोसिएशन के बिहार, झारखंड और बंगाल के प्रभारी प्रीतम सिंह भाटिया ने कहा है कि इस वर्ष लगातार दुखद खबरें सुनने को मिल रही हैं, जिससे चिंताजनक माहौल बना हुआ है।
उन्होने कहा कि लगातार अशुभ समाचारों से मन विचलित है और सबसे बड़ी बात ये है कि अब तक 40 पत्रकार साथियों की शहादत के बाद भी 80% पत्रकार साथियों और संगठनों में भविष्य को लेकर किसी तरह की कोई गंभीरता नजर नहीं आ रही है।
इसका कारण है कि एक वर्ष से राज्य में लगातार पत्रकार साथियों पर न सिर्फ झूठे मामले दर्ज हो रहे हैं, बल्कि 40 शहीद पत्रकार साथियों के आश्रित परिवार को अब तक कोई आर्थिक सहयोग न मिल पाना दुर्भाग्यपूर्ण है।
इतना ही नहीं विपक्षी पार्टियों की भूमिका भी केवल श्रद्धांजलि और शोक संवेदना प्रकट करने तक ही सीमित रही हैं। भाटिया ने कहा कि इस वर्ष मन अशांत रहने के कारण किसी भी पर्व-त्योहार में अकस्मात उन साथियों की शहादत याद आ जाती है।
जिनके सपने थे राज्य के सभी पत्रकार साथियों को बीमा, एक्रिडेशन और सुरक्षा, उन्होंने सभी पत्रकार साथियों से अपील की है कि इस अशुभ वर्ष में किसी प्रकार की बधाई, शुभकामनाएं और हर्षोल्लास से संबंधित टिप्पणी एसोसिएशन के किसी ग्रुप या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ना करें, यही हमारे शहीद साथियों को सछि श्रद्धांजलि होगी।
प्रदेश अध्यक्ष रामप्रवेश सिंह ने कहा कि अन्य राज्यों में कोरोनाकाल में शहीद हुए पत्रकार साथियों के आश्रित को मुआवजा हेतु पहल हो चुकी है, जबकि झारखंड में केवल सूची बनाने का काम पिछले एक महीने से हो रहा है।
एसोसिएशन के प्रदेश प्रवक्ता मोहम्मद सईद ने कहा
कि जब एसोसिएशन द्वारा राज्य सरकार के मुखिया को ही सूची सौंप दी गई है तो फिर किस तरह की सूची बनाने का काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में लगातार पत्रकारों के साथ प्रताड़ना की घटनाएं ही सुनने को मिलती है, जबकि घाव पर मरहम लगाने की कोई सरकारी पहल अब तक नजर नहीं आई।
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