साहिबगंज महाविद्यालय में फाइनल इयर के विद्यार्थियों को दिया गया विदाई सामारोह : विश्व प्राकृतिक संरक्षण दिवस भी मनाया गया


साहिबगंज :-- साहिबगंज महाविद्यालय के वनस्पति विज्ञान विभाग में वनस्पति विज्ञान के स्नातकोत्तर फाइनल ईयर के छात्र - छात्राओं का विदाई सामारोह सह विश्व प्राकृतिक संरक्षण दिवस पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता प्रभारी प्राचार्य डॉक्टर राहुल कुमार संतोष एवं कार्यक्रम का संचालन व आयोजन महाविद्यालय के छात्र - छात्राओं के द्वारा किया गया। मौके पर मुख्य अतिथि प्रभारी प्राचार्य डॉ. राहुल कुमार संतोष ने कहा कि डॉ. मीरा चौधरी जो मात्र एक शिक्षक होते हुए इंटर से पीजी तक के छात्र - छात्राओं को पढ़ाती हैं, यह बहुत सहारनीय कार्य है। शिक्षक भर्ती सरकार के द्वारा होना है, पर जो भी सीमित संसाधन हमें उपलब्ध हैं, उसी में हम सभी विद्यार्थियों को बेहतर देने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं।

साहिबगंज महाविद्यालय में फाइनल इयर के विद्यार्थियों को दिया गया विदाई सामारोह : विश्व प्राकृतिक संरक्षण दिवस भी मनाया गया

     विषय प्रवेश में डॉ. मीरा चौधरी ने कहा कि विपरीत परिस्थिति और शिक्षकों की घोर कमी के बाद भी छात्र - छात्राओं ने अनुशासन में रहकर पठन-पाठन सुचारू रूप से किया है। हम उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं। डॉ. मीरा चौधरी ने आगे कहा कि वनस्पति विज्ञान के सभी विद्यार्थी आज विश्व प्राकृतिक संरक्षण दिवस मना रहे हैं। हमें पेड़, पर्यावरण, प्रकृति और मिट्टी को संरक्षित व सुरक्षित रखने की आवश्यकता है और इसका संवर्धन करने की जरूरत भी है।

    वहीं भूवैज्ञानिक सह पर्यावरणविद डॉ. रणजीत कुमार सिंह ने कहा कि हम हर साल 28 जुलाई को विश्व प्राकृतिक संरक्षण दिवस मनाते हैं। इस दिवस को मनाने के पीछे उन पेड़ों और जानवरों का संरक्षण करना है, जो पृथ्वी के वातावरण से धीरे - धीरे विलुप्त होते जा रहे हैं। स्वच्छ भारत अभियान, प्रोजेक्ट टाइगर जैसी प्रकृति के संरक्षण के लिए भारत सरकार की ओर से पहल की जा रही है। यह दिन इस बात को भी प्रस्तुत करता है कि एक स्वस्थ वातावरण ही एक स्थिर और उत्पादक समाज की नींव है।


इस दिन को मनाने का कारण क्या है?


डॉक्टर रणजीत सिंह ने कहा कि वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों की बेहतर सुरक्षा के लिए स्वस्थ वातावरण एवं पर्यावरण का निर्माण बहुत महत्वपूर्ण है। प्रकृति के लिए कई खतरे मनुष्यों ने खुद पैदा किए हैं, जैसे वनों की कटाई, अवैद्य रूप से वन्यजीवों की हत्या और तस्करी, प्रदूषण, प्लास्टिक, रसायनों का उपयोग इत्यादि। पृथ्वी ने मनुष्य को पानी, हवा, मिट्टी, मिनरल्स, पेड़, जानवर, भोजन, आदि जैसी बुनियादी जरूरतें दी हैं। इसलिए मनुष्य को चाहिए कि प्रकृति को स्वच्छ और स्वस्थ बनाए रखें। इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट और कई अन्य कारक जो धरती के ह्रास के लिए जिम्मेदार हैं, जो पर्यावरण को प्रभावित करता है, और इसे ही रोकने एवं भविष्य की पीढ़ीयों को बचाने के लिए इस दिन विश्व प्राकृतिक संरक्षण दिवस मनाया जाता है। आगे उन्होंने कहा कि

वनस्पति विज्ञान के छात्रों के लिए झारखंड के साहिबगंज में अपार संभावनाएं हैं एवं प्रतियोगिताओं के  दृष्टिकोण से अपना लक्ष्य निर्धारित कर तैयारी करें, हम शिक्षक सहयोग और मार्गदर्शन के लिए हमेशा तैयार मिलेंगे। उन्होंने कहा कि

 पेड़ -पौधों पर शोध कार्य, उसका नामकरण एवं नेट जी आर एफ आदि की तैयारी करें। एक जिम्मेदार नागरिक बनें क्योंकि आज देश को एक जिम्मेवार मानव संसाधन की जरूरत है। राजमहल पहाड़ी पर भी औषधीय पौधे एवं जीव, पेड़ - पौधे के फॉसिल्स हैं, जो राजमहल पहाड़ी क्षेत्रों में बिखरे पड़े हैं, उस पर भी शोध किया जा सकता है ।

      उन्होंने कहा कि अगर आप असफल होते हैं तो उसे एक चुनौती के रूप में लेकर सफल होने के लिए कड़ी मेहनत, लगन और निरंतर अध्ययन और अभ्यास करें। मौके पर डॉक्टर यश राज सिंह एवम डॉ. राजीव कुमार सिंह ने भी सभी छात्रों को उज्जल भविष्य की कामना करते हुए बधाई दी। मंच का संचालन करूणा ने किया वहीं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. मीरा चौधरी ने किया। कार्यक्रम के सफ़ल अयोजन में अर्चना, निरूपा, अनूप, करुणा, निरूपा, श्वेता, मिथुन, अनुराग, स्टेफन, सविता, स्वीटी, करुणा आदि छात्र - छात्राओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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