लम्बे समय से बंद विचाराधीन बंदियों को मुक्त करने हेतु पुनरीक्षण समिति की बैठक हुई आयोजित
साहिबगंज :-- जिला विधिक सेवा प्राधिकार, साहिबगंज के अध्यक्ष सह प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में सोमवार को व्यवहार न्यायालय स्थित अपने कार्यालय कक्ष में मंडलकारा साहिबगंज और उपकारा, राजमहल में लम्बे समय से बंद विचाराधीन बंदियों को मुक्त करने हेतु पुनरीक्षण समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक में पुलिस अधीक्षक अनुरंजन किसपोट्टा, उप विकास आयुक्त प्रभात कुमार बरदियार, जेल अधीक्षक सह अनुमंडल पदाधिकारी, राजमहल रोशन कुमार साह मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
इस दौरान राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार, नई दिल्ली की ओर से सभी राज्य विधिक सेवा प्राधिकार एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकार को यह निर्देश दिया गया है की पूरे देश के जेलों में बंद एक-एक अभियुक्तों को विभिन्न श्रेणियों के अंतर्गत चिन्हित किया जाए एवं इसी कड़ी में वैसे बंदी जो आरोपित धारा में वर्णित सजा की आधी अवधि जेल में काट चुके हैं, जो बंधपत्र भरने में अक्षम हैं या जो समनीय या छोटेमोटे अपराधों के आरोप में जेलों में बंद हैं, उनको जमानत पर मुक्त किये जाने पर विचार किया गया। इस अभियान के तहत महिला, बीमार व बुजर्ग बंदियों को विशेष रूप से मुक्त किये जाने पर भी विचार किया गया।
उक्त बैठक में मंडलकारा साहिबगंज में बंद सभी विचाराधीन बंदियों पर विचार किया गया एवं विचारोपरांत लगभग 15 बंदियों की मुक्ति हेतु समिति द्वारा सम्बंधित न्यायालय को अनुसंशित किया जा सकता है। जिला विधिक सेवा प्राधिकार, साहिबगंज के सचिव सह वरीय सिविल जज धर्मेन्द्र कुमार ने बैठक का संचालन करते हुए बताया की मंडल कारा, साहिबगंज में लगभग 242 विचाराधीन बंदी हैं जिसमें 16 महिलाएं हैं।
अधिकतर बंदियों का केस अभी अनुसन्धान अंतर्गत लंबित है। बहुत बंदी ऐसे भी हैं जिनका जमानत आवेदन नयायालय द्वारा खारिज किया जा चुका है। बैठक में सभी तथ्यों पर विचार किया गया। समिति की अगली बैठक 3 अगस्त 2022 को निर्धारित की गई है।
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