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बिहार में जातीय जनगणना के काम में लगे 3 शिक्षकों की हुई मौत : प्रशासन में मचा हड़कंप, भीषण ठंड में जातीय जनगणना के लिए ड्यूटी क्यों?


शेखपुरा / पूर्णिया : बिहार में 7 जनवरी से जातीय जनगणना की शुरुआत हुई है। 

बिहार में जातीय जनगणना के काम में लगे 3 शिक्षकों की हुई मौत : प्रशासन में मचा हड़कंप, भीषण ठंड में जातीय जनगणना के लिए ड्यूटी क्यों?


इस काम के लिए बड़ी संख्या में राज्य के शिक्षकों को लगाया गया है। राज्य में कड़ाके की ठंड पड़ रही है, इसका सीधा असर ड्यूटी पर तैनात शिक्षकों पर पड़ा है और अबतक 2 शिक्षकों की असमय मौत इसका कारण बन गई है। जबकि एक शिक्षक की मृत्यु प्रशिक्षण लेने के दौरान ही हो गई है।

जानकारी के अनुसार इनमें एक शिक्षक मधुबनी और एक शेखपुरा जिले के हैं। शेखपुरा जिले के सदर प्रखंड के गवय पंचायत के लोदीपुर गांव निवासी अंजनी शर्मा की मृत्यु जाति आधारित जनगणना के कार्य के समय हुई है। बताया जा रहा है कि रविवार को वह बरबीघा प्रखंड के पिंजड़ी गांव के वार्ड नंबर 7 में जनगणना को लेकर पहले फेज में चल रहे मकान की गणना का कार्य कर रहे थे। 

दोपहर में अचानक उनकी तबीयत खराब हो गई, जिसके बाद वह वापस घर लौट गए। घर में ठंड का ज्यादा असर होने के कारण उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई और उन्हें बरबीघा के एक निजी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया। उनकी तबीयत में कुछ सुधार हुआ तो घरवाले उनको लेकर घर चले गए। जहां अचानक उनकी तबीयत फिर बिगड़ी और उनकी मौत हो गई।

वहीं मधुबनी जिले के लौकही प्रखंड के भुतही बलान नरहिया ओपी थाना के पास 9 जनवरी को हुए एक सड़क हादसे में शिक्षिका की मौके पर ही मौत हो गई। शिक्षिका जनगणना के कार्य में लगी हुई थी। मिली जानकारी के अनुसार शिक्षिका सरोज भारती मध्य विद्यालय नरैया में पदस्थापित थी और वह जातीय जनगणना के लिए अपने पिता के साथ फुलपरास थाना क्षेत्र के मुरली गांव से लौकही केशन पट्टी जा रही थी। 

शिक्षिका के पिता रामबाबू यादव भी हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गए। इसी प्रकार राज्य के पूर्णिया जिले के बायसी प्रखंड चोपड़ा पंचायत के तहत मध्य विद्यालय चंद्र गांव के प्रिंसिपल मोहम्मद इमाम हुसैन की मृत्यु आईजीआईएमएस पटना में शुक्रवार को इलाज के दौरान हो गई। वह कन्या उच्च विद्यालय

बायसी में जाति आधारित जनगणना का प्रशिक्षण ले रहे थे। मिली जानकारी के अनुसार मोहम्मद इमाम हुसैन की तबीयत ट्रेनिंग के दौरान ही बिगड़ने लगी थी। जिसके बाद आरंभ में अन्य शिक्षकों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया। उनकी हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने उन्हें सदर अस्पताल पूर्णिया के लिए रेफर कर दिया। हालात नाजुक होने के कारण वहां से आईजीआईएमएस पटना रेफर किया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। डॉक्टरों के अनुसार उनका ब्रेन हेमरेज हो गया था।


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