हाथ से ही खाना क्यों खाना चाहिए?
अधिकतर भारतीय लोग अपने हाथों से खाना खाते हैं। लेकिन आजकल हमने पाश्चात्य संस्कृति का अनुसरण करते हुए चम्मच और कांटे से खाना शुरू कर दिया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अपने हाथों से खाना खाने के स्वास्थ्य से संबंधित कई फायदे हैं।
यह आपके प्राणाधार की एनर्जी को संतुलित रखता है। आयुर्वेद में कहा गया है कि हम सब पांच तत्वों से बने हैं, जिन्हें जीवन ऊर्जा भी कहते हैं, और ये पाँचों तत्व हमारे हाथ में मौजूद होते हैं।
आपका अंगूठा अग्नि का प्रतीक है। तर्जनी अंगुली हवा की प्रतीक है।
मध्यमा अंगुली आकाशकी प्रतीक है। अनामिका अंगुली पृथ्वी की प्रतीक है। छोटी अंगुली जलकी प्रतीक है। इसीलिए इनमें से किसी भी एक तत्व का असंतुलन बीमारी का कारण बन सकता है। जब हम हाथ से खाना खाते हैं, तो हम अँगुलियों और अंगूठे को मिलाकर खाना खाते हैं और यह जो मुद्रा है, यह मुद्रा विज्ञान है।
यह मुद्रा का ज्ञान है और इसमें शरीर को निरोग रखने की क्षमता निहित है। इसलिए जब हम खाना खाते हैं तो इन सारे तत्वों को एक जुट करते हैं, जिससे भोजन ज्यादा ऊर्जादायक बन जाता है और यह स्वास्थ्यप्रद बनकर हमारे प्राणाधार की एनर्जी को संतुलित रखता है।
जब हम हाथों से खाना खाते हैं तो हमारा मस्तिष्क हमारे पेट को यह संकेत देता है कि हम खाना खाने वाले हैं। इससे हमारा पेट इस भोजन को पचाने के लिए तैयार हो जाता है, जिससे पाचन क्रिया सुधरती है। इसे माइंडफुल ईटिंग भी कहते हैं।
यह चम्मच और कांटे से खाना खाने से ज्यादा स्वास्थ्यप्रद है। माइंडफुल ईटिंग के कई फायदे हैं। इनमें से सबसे महत्वपूर्ण फायदा यह है कि इससे खाने के पोषक तत्वों का प्रभाव बढ़ जाता है, जिससे पाचन क्रिया सुधरती है और यह आपको स्वस्थ रखता है।
यह आपके मुँह को जलने से बचाता है। आपका हाथ एक अच्छे तापमान संवेदक का काम भी करते हैं। जब आप भोजन को छूते हैं तो आपको अंदाजा लग जाता है कि यह कितना गर्म है और यदि यह ज्यादा गर्म होता है, तो आप इसे मुंह में नहीं लेते हैं। इस प्रकार यह आपकी जीभ और मुँह को जलने से बचाता है और शरीर के पंच तत्वों को संतुलित रखने में मदद करता है।
साहिबगंज से संजय कुमार धीरज
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