ISRO ने विकसित किया स्वदेशी चिप, स्पेस प्रोग्राम में किया जाएगा इस्तमाल
आईआईटी मद्रास ने पूरी तरह से स्वदेशी 'शक्ति' चिप विकसित की है, जिसे अब ISRO के स्पेस प्रोग्राम में इस्तेमाल किया जाएगा। यह पहली बार है जब भारत में बनी कोई चिप अंतरिक्ष मिशन के लिए उपयोग की जाएगी। इस चिप का नाम IRIS रखा गया है, जो शक्ति सीरीज के माइक्रोप्रोसेसर का हिस्सा है।
यह RISC-V तकनीक पर आधारित है, जो ओपन-सोर्स प्रोसेसर डिजाइनिंग में मदद करता है। इस चिप को IISU तिरुवनंतपुरम में डिजाइन किया गया, आईआईटी मद्रास ने इसे विकसित किया है और एससीएल चंडीगढ़ ने निर्माण किया है और पीसीबी पॉवर गुजरात ने इसका मदरबोर्ड तैयार किया है।
सिरमा एसजीएस चेन्नई ने इसे असेंबल किया है और आईआईटी मद्रास ने इसका सॉफ्टवेयर विकसित कर इसे सफलतापूर्वक बूट किया है। आईआईटी मद्रास के निदेशक कमकोटी ने बताया कि इसरो ने चार साल पहले स्वदेशी चिप की जरूरत बताई थी, जिसके बाद 'शक्ति' चिप को इस प्रोजेक्ट के लिए चुना गया।
उन्होंने कहा, "स्वदेशी माइक्रोप्रोसेसर राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी है। यह कंप्यूटर का दिमाग होता है, इसलिए इसे पूरी तरह से सुरक्षित और नियंत्रण में होना चाहिए।" इसरो ने शक्ति चिप का डिजाइन और टेस्टिंग देख ली है और अब वे अपने परीक्षण शुरू करेंगे। यह चिप आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा कदम है और कई महत्वपूर्ण वैज्ञानिक परियोजनाओं में मदद करेगी।
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