झारखंड सरकार ने रद्द किए 2.58 लाख राशन कार्ड, जानें 5 बड़ी वजहें
झारखंड सरकार ने जन वितरण प्रणाली (PDS) में गड़बड़ी रोकने के लिए बड़ा कदम उठाया है। राज्य भर में 2,58,344 राशन कार्ड रद्द कर दिए गए हैं। यह कार्रवाई खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता विभाग द्वारा की गई, जिसमें अयोग्य लाभुकों को चिह्नित कर उनके कार्ड रद्द किए गए हैं। ये सभी लाभुक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत थे।
🔍 रद्द किए गए राशन कार्ड की 5 प्रमुख वजहें:
1️⃣ मृत लाभुकों के नाम पर बने राशन कार्ड:
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1.44 लाख (57%) कार्ड ऐसे लाभुकों के नाम पर थे, जिनकी मृत्यु हो चुकी है।
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जांच में 5,489 लाभुक जीवित पाए गए हैं, जिनकी दोबारा जांच की जा रही है।
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सबसे अधिक रद्द हुए कार्ड:
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धनबाद: 12,561
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दुमका: 11,581
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रांची: 11,169
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पूर्वी सिंहभूम: 9,038
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2️⃣ 100 साल से ऊपर या 18 साल से नीचे उम्र वाले प्रमुख:
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कुल 1,67,504 कार्ड में से 8,381 कार्ड (5%) रद्द किए गए।
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नियम के अनुसार, राशन कार्ड पर नामित प्रमुख की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
3️⃣ 6 माह से राशन न उठाने वाले:
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8,02,685 कार्डों में से 97,867 (12.19%) कार्ड रद्द किए गए।
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इन लाभुकों ने लगातार 6 महीने तक राशन नहीं उठाया।
4️⃣ दोहरा लाभ लेने वाले लाभुक:
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2,00,716 कार्ड में से 7,529 कार्ड (3.75%) रद्द किए गए।
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लाभुक एक ही आधार नंबर से दो स्थानों से राशन उठा रहे थे, चाहे वह राज्य के अलग-अलग जिले हों या अन्य राज्य (जैसे राजस्थान, यूपी)।
5️⃣ पीडीएस नियमों का उल्लंघन:
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महिला प्रमुख की शर्त, डुप्लीकेट एंट्री, अपात्र लाभुकों का नाम – ये भी जांच का हिस्सा रहे।
📊 आगे की योजना:
राशन कार्ड निरस्त होने के बाद NFSA के तहत अब तक 3,17,575 नए राशन कार्ड क्रिएट किए गए हैं। इनमें जल्द ही योग्य लाभुकों को शामिल किया जाएगा।
👩🦰 मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना पर प्रभाव:
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