डॉ. गोपालचंद्र मंडल ने किया बालम खीरा के पौधे का रोपण
साहिबगंज : राजमहल प्रखंड के वासी प्रकृति प्रेमी, लेखक, कवि, डॉ. गोपाल चंद्र मंडल ने अपने मित्र कसवा निवासी कैलाशपति मंडल के सहयोग से मॉडल कॉलेज परिसर व अन्य जगहों पर आंध्रप्रदेश से लाए गए बालम खीरा के बीज को पौधा के रूप में विकसित कर वृक्षारोपण किया।
गोपाल चंद्र मंडल ने बताया कि मंडई स्थित पगली दुर्गा मां के मंदिर परिसर में दो, मॉडल कॉलेज राजमहल परिसर में कॉलेज कर्मी प्रकाश महतो की उपस्थिति में दो तथा कन्हैया स्थान मंदिर परिसर में एक बालम खीरा पौधे का रोपण किया गया है।
उन्होंने कहा कि बालम खीरा का वृक्ष औषधीय गुणों से भरपूर होता है। "बालम खीरा पेट को बनाए हीरा।" यह लोकोक्ति इस संदर्भ में सटीक बैठती है। उन्होंने कहा कि पेट स्वस्थ तो तन–मन सब स्वस्थ। क्योंकि बीमारियों का मूल जड़ पेट है। इसीलिए हमें ऐसे वृक्षों का रोपण करना चाहिए,
जो सब्जी, औषधीय गुणों, वातावरण शुद्धि, छाया, आदि गुणों से भरपूर हो। उन्होंने बताया कि बालम खीरा वृक्ष के समस्त अंगों में औषधीय गुण विद्यमान हैं। इसलिए हमें ऐसे पेड़ स्वेच्छा से जगह-जगह लगाने चाहिए, जो सिर्फ मानव जीवन ही नहीं, अपितु अन्य जीवों की भी जान बचाए। प्रकृति बचेगी तभी हम बचेंगे।
आगे उन्होंने बताया कि इस पेड़ से बनी औषधियां, किडनी, कैंसर, जोड़ों व दांतों का दर्द, पाचन तंत्र की गड़बड़ी सहित दर्जनों बीमारियों के इलाज में कारगर है। क्योंकि यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। उन्होंने जिलेवासियों से इस वृक्ष को वरदान वृक्ष समझ कर अपने आस- पास लगाने की अपील भी की।
उन्होंने बताया कि इस पौधे को लगाना आसान है, क्योंकि इस पौधे को कठोर मिट्टी, कटाव वाली जगह, पहाड़ी और कंकड़ीली मिट्टी में भी रोपन कर सकते हैं। उन्होंने आमजनों को संदेश देते हुए कहा कि सिर्फ बालम खीरा वृक्ष ही नहीं, अपितु अपनी सुविधानुसार किसी भी तरह के मानव हितकारी वृक्ष लगाएं, पुण्य कमाएं–धरती बचाएं।
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