होम क्वाराईंटाईन से ग्रामीणों में दहशत, सामूहिक एक जगह रखने की मांग



उधवा/ साहेबगंज: कोविड 19 को लेकर एक तरफ जहां प्रशासन और सरकार की प्रवासी मज़दूरों को घर लाने की पहल का लोगों में खुशी का माहौल है,और प्रवासी मजदूरों का स्वागत करते है।

लेकिन अब सरकार एवं प्रशासन को होम क्वारंटाइन लेकर लोगों ने सवाल भी खड़े कर रहे है। होम क्वारंटाइन करने से ग्रामीणों क्षेत्र के लोग भयभीत एवं सकते में है।

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इस संबंध में ग्रामीण उत्तम मंडल, जयदेव मंडल, दक्षिण सरफराजगंज के मुखिया गब्बर शेख आदि का कहना है कि प्रवासी मज़दूरों को लाने की पहल का स्वागत करते है परन्तु जिन प्रवासी मज़दूरों को लाया गया है उन्हें पंचायत स्तर पर किसी विद्यालय, पंचायत भवन सामुदायिक भवन, आदि में क्वाराइनटाईन में रखना चाहिए था।

सरकार तथा प्रशासन के द्वारा प्रत्येक प्रवासी मज़दूरों को होम क्वाराईनटाईन रहनेवाले पर जितना सतर्कता बरतने की जरूरत है उतना संभव भी नहीं है। परंतु एक साथ सभी प्रवासी मजदूरों रखा जाता तो ज्यादा निगरानी रखी जा सकती है, और कोरोनावायरस के संक्रमण काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।

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प्रवासी मज़दूरों को कम से कम 14 दिनों तक किसी हालत में घर परिवारों से दूर रखने में भलाई ज्यादा है। इस कार्य को स्थानीय, स्तर पर गांव के मुखिया,एएनएम सहिया, सेविका, जनसेवक आदि स्वयं सेवी संस्थाओं के सहयोग से बड़ी आसानी से इस महामारी कोरोनावायरस के संक्रमण से बचाव हो सकता है।

खैर होम क्वाराईंटाईन सरकार एवं सरकार की मजबूरी कहिए या फिर कोरोनावायरस से निपटने का सही तरीका अपनाया हो। सरकार को इस पर पुनर्विचार करने की जरूरत है।

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