केरल की तरह झारखंड में भी तय होगा सब्जियों का मूल्य
Sahibganj News: केरल की तरह झारखंड में भी तय होगा सब्जियों का मूल्य, किसानों को उनकी फसल का वाजिब मूल्य दिलाने और उन्हें बिचौलियों से मुक्त कराने के लिए झारखंड सरकार भी केरल की तर्ज पर सब्जियों का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करेगी.
राज्य सरकार ने इस दिशा में पहल करते हुए एक कमेटी के गठन को मंजूरी दे दी है। कृषि विभाग के विशेष सचिव की अध्यक्षता में गठित होने वाली समिति केरल, कर्नाटक समेत अन्य राज्यों के ड्राफ्ट का अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगी.
इस रिपोर्ट के आधार पर ही सब्जियों की एमएसपी तय की जाएगी। कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के सचिव अबु बकर सिद्दीक ने बताया कि झारखंड सरकार सब्जियों की एमएसपी तय करने को लेकर गंभीर है, ताकि किसानों को औने-पौने दामों में अपनी फसल को न बेचना पड़े। उन्होंने कहा कि हम केरल समेत अन्य राज्यों के बेसिक वर्कप्लान का अध्ययन करेंगे.
हालांंकि उन्होंने स्वीकारा कि सब्जियों की एमएसपी से पूर्व काफी तैयारी करनी होगी और सब्जियों के रखरखाव के लिए बड़े पैमाने पर कोल्ड स्टोरेज की भी व्यवस्था करनी होगी. इस दिशा में भी गंभीरता से विचार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि बीते वित्त वर्ष में 35 कोल्ड स्टोरेज को मंजूरी दी गई थी. उनका निर्माण भी तेजी से पूरा किया जा रहा है.
वहीं, इस वर्ष पांच हजार एमटी से अधिक के तीन कोल्ड स्टोरेज के निर्माण को मंजूरी दी गई है. हमारी कोशिश होगी कि आने वाले वर्षों में हर ब्लॉक में कोल्ड स्टोरेज या कोल्ड रूम स्थापित किए जा सकें. राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत भी इस दिशा में पहल की जाएगी. एमएसपी की दर के संबंध में सचिव ने कहा कि इस पर कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद ही निर्णय लिया जाएगा.
शुरुआती दौर में किन सब्जियों को शामिल किया जाएगा, कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद इसे अमली जामा पहनाया जाएगा। राज्य सरकार सभी मानकों का विस्तृत अध्ययन करने के बाद इसे राज्य में लागू करेगी।
झारखंड अग्रणी सब्जी उत्पादक राज्यों में शुमार किया जाता है, राज्य में उत्पादित हरी सब्जियां तकरीबन सभी पड़ोसी राज्यों को भेजी जाती है. राज्य में तीन लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि पर सब्जियों की खेती की जाती है. हालांकि उत्पादकता का आंकड़ा राष्ट्रीय औसत से कुछ कम है.
राज्य में सब्जियों की उत्पादकता 14.21 टन प्रति हेक्टेयर है, जो कि राष्ट्रीय औसत 17.3 टन प्रति हेक्टेयर से कुछ कम है. वर्ष 2024 तक 16.57 टन प्रति हेक्टेयर और वर्ष 2030 तक 18.23 टन प्रति हेक्टेयर ले जाने का लक्ष्य है.
एक दिन पहले ही केरल सरकार ने कुल 21 खाने-पीने की चीजों के लिए एमएसपी का निर्धारण किया है। इसमें 16 किस्म की सब्जियां भी शामिल हैं. यह व्यवस्था एक नवंबर से लागू होगी. राज्य में जमीन के भीतर उगने वाली जेली, साबूदाना जैसी फसलों (टेपियोका) की बेस प्राइस 12 रुपये प्रति किलो तय की गई है.
वहीं, केला 30 रुपये, अनानास 15 रुपये प्रति किलो और टमाटर की एमएसपी आठ रुपये प्रति किलो तय की गई है. किसानों की लागत खर्च से 20 फीसदी ऊपर दर पर एमएसपी तय की गई है. इस योजना के तहत केरल सरकार एक हजार स्टोर भी खोलेगी.
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