शुक्रवारसिनी मंदिर मैं एक सौ लोगों ने माता की पूजा अर्चना
Sahibganj News : बरहरवा प्रखंड के फरक्का मुख्य पथ सिरासीन के समीप स्थित माता शुक्रवारसिनी धाम मंदिर में वैशाख मास की शुक्रवार को एक शो भक्तों ने माता को दुधवा गंगाजल से स्नान कराते पूजा अर्चना की वैशाख की चिलचिलाती धूप में चिलचिलाती धूप में भी माता का अर्चना करने वाले श्रद्धालुओं की कोई कमी नहीं थी.
दूध स्नान कराने को लेकर मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमरी रही, वहीं बरहरवा उधवा ताजमहल पश्चिम बंगाल से आने वाले भक्तों के लिए मंदिर विदित विधान को लिए मां को दूध स्नान करने की परंपरिक सदियों पुरानी है.
यह मानो के दौरान लोगों अपने बीमार बच्चों को लेकर सगे संबंधियों के साथ पहुंचते हैं स्वास्थ होने की कामना करते हैं, ऐसी मान्यता है कि माता उनकी मनोकामना भी पूरी करती है मंदिर के इतिहास में ऊंचाई के बारे में बुद्धि मंडल सत्र बताया है कि मिर्जापुर वन के के बीच मां शुक्रवारिसनी पेड़ के नीचे विराजमान थी.
वैशाख मास में मां को दूध चाहने के लिए पश्चिम बंगाल एवं बिहार से श्रद्धालु यहां आते थे जंगल में उनकी उपेक्षा पङा देखकर बरहरवा के कुछ भक्तों ने मंदिर बनाने एवं पेड़ के तने के साथ मां को स्थापन करने का निर्णय लिया मंदिर बनाने के बाद यह मां के भक्तों में काफी इजाफा हुआ.
आज भी मां को जितना भी दूध चढ़ाया जाता है उसका पता नहीं चलता कि पेड़ के तने के सहारे कहां चले जाते हैं शुक्रवारसिनी मंदिर बांग्ला की सीमा पर गंगा तट से कुछ ही दूरी पर झील के किनारे स्थित है पहले कभी शुक्रवार शनि मंदिर के प्रधान में लकड़ी से बने सामान का बड़ा मेला लगता था जब उसका संकरित भी खत्म होने जा रहा है.
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By : राजू रजक, बरहरवा साहिबगंज
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