अपनी संपत्ति का ब्यौरा सार्वजनिक नही करने वाले सरकारी सेवकों पर दर्ज होगा FIR
भ्रष्ट्राचार पर नियंत्रण को लेकर बिहार सरकार ने एक ताजा आदेश जारी किया है। इसके तहत अब वैसे सरकारी सेवकों पर शिकंजा कसना तय है, जो अपनी संपत्ति का ब्यौरा सार्वजनिक नहीं कर रहे हैं।
उनके खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई के साथ अब एफआइआर भी दर्ज की जाएगी। बिहार के मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं।
मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण ने सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव और पुलिस महानिदेशक को लिखे अपने पत्र में कहा है कि सरकारी सेवकों द्वारा चल - अचल संपत्ति का ब्यौरा और खरीद - बिक्री की जानकारी देने का प्रावधान पहले से है।
बीते 25 मार्च 2021 को सामान्य प्रशासन विभाग ने इसं संबंध में गाइडलाइन भी निर्गत किया है। इसके बावजूद कई स्तरों पर इस आदेश का पालन नहीं हो रहा है।
मुख्य सचिव के ताजा आदेश के अनुसार सभी सरकारी कर्मचारियों को दिसंबर से फरवरी तक अपनी संपत्तियों से संबंधित जानकारी सरकार को दे देनी है। इसमें विरासत में मिली संपत्ति की जानकारी भी शामिल है।
मुख्य सचिव के अनुसार संपत्ति का ब्यौरा सरकार द्वारा तय मापदंड के अनुसार ही देना है और इसके बिना फरवरी का वेतन भुगतान नहीं करने का प्रावधान है।
खुद या परिवार के किसी सदस्य के नाम से अचल संपत्ति (जमीन, मकान, फ्लैट, गाड़ी आदि) खरीदने के एक महीने के अंदर सरकार को इसकी जानकारी देनी है।
सरकारी सेवक को अपने दो महीने के वेतन से अधिक की राशि के समान की खरद-फरोख्त की भी जानकारी भी उसे एक महीने के अंदर सरकार को देनी है।
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