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ई - कचरे में सैकड़ों विभिन्न पदार्थ और जहरीले पदार्थ होते हैं


Sahibganj News : ई - कचरा प्रबंधन के बारे में संक्षिप्त जानकारी और जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से  साहिबगंज महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा ई - जुंकी दिल्ली के साथ एक कचरा जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

ई - कचरे में सैकड़ों विभिन्न पदार्थ और जहरीले पदार्थ होते हैं

जो हुलादेक रीसाइक्लिंग प्राइवेट लिमिटेड  की भागीदार कंपनी है। एनएसएस नोडल अधिकारी डॉ. रणजीत कुमार सिंह के द्वारा स्पीकर, चोपड़ा व छावड़ा का स्वागत किया गया। साथ ही साहिबगंज महाविद्यालय प्रभारी प्राचार्य डॉ. राहुल कुमार संतोष ने अध्यक्षीय भाषण से ई- कचड़ा पर प्रकाश डाला।

उन्होंने ई - कचरे के प्रभाव और ई -अपशिष्ट प्रबंधन के लाभों के बारे में सभी को जागरूक किया। कार्यक्रम के माध्यम से सभी प्रतिभागियों का ध्यानाकर्षण कर ई - कचरे के गंभीर प्रभाव के बारे में जागरूकता पैदा किया गया। एक दूसरे से संवाद, बातचीत व छोटे - छोटे प्रयासों से ही हम इससे निजात पा सकते हैं।


उन्होंने इस कारण के लिए अपनी पहल और सेवाओं को साझा किया। उन्होंने भारत में कचरे के कुप्रबंधन के बारे में बताया कि कैसे यह अभी भी भारत के लोगों के साथ-साथ जिम्मेदार अधिकारियों के लिए चिंता का विषय नहीं है।

उन्होंने यह भी बताया कि भारत हर साल लगभग 10 मिलियन टन ई-कचरा पैदा करता है और इसमें से केवल 3% का ही ठीक से पुनर्नावनिकरण या निपटान किया जाता है और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना उचित तरीके से किया जाता है।

इस कार्यक्रम में ई -वेस्ट वेविनार के माध्यम से रिसोर्स पर्सन में देवंश चोपड़ा एंटरप्रेन्योरशिप व डिजिटल मार्केटर, आदित्य राय सोशल एंटरप्रेन्योरशिप व डिजिटल मार्केटर तथा वंशिका छावड़ा सोशल एक्टिविस्ट बिज़नेस स्ट्रेटेगिस्ट इ जंकी जुड़ी।


वहीं डॉक्टर रणजीत सिंह ने बताया कि भारत में लोग इ - कचरे को ठीक से निपटाने की जानकारी के अभाव में ई- कचरा इकट्ठा करते रहते हैं और इस कचरे को किसी स्कैम डीलर कबाड़ी को बेच  देते हैं,

और यह स्कैम डीलर सोने प्लैटिनम जैसी कीमती धातु को निकालने के लिए कचरे को गैर जिम्मेदारान  तरीके से जलाते हैं, और बदले में पारा जैसी हानिकारक गैस को वातावरण में छोड़ते हैं।

अंत में आदित्य राज ने कॉलेज में ई - कचरा बीन स्थापित करने का प्रस्ताव रखा, जिसमें सभी लोग  अपने ई - कचरे का निपटान कर सकते है, और आगे, इस सुरक्षित पुनर्चक्रण प्रक्रिया के लिए पुनर्चक्रण करने वाले के पास भेजा जाएगा।


धन्यवाद ज्ञापन डॉ. संतोष कुमार चौधरी ने किया। कार्यक्रम में कुल आठ सौ से अधिक प्रतिभागी ने रजिस्ट्रेशन किया तथा एक से अधिक वर्चुअल मीटिंग में जुड़े। जिसमें एनएसएस वॉलंटियर कनक झा,

अंजली कुमारी, खुशीलाल पंडित इंजमाम उल, कंचन, डॉ. सिदाम सिंह मुंडा, डॉ. शिवानंद अवस्थी, डॉ. ध्रुव ज्योति कुमार सिंह, डॉ. रूपा,  शिक्षिका रेणु गुप्ता शिक्षक मनोहर कुमार शर्मा आदि उपस्थित थे।

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