शोध का विषय बना भागलपुर की लोककला मंजूषा शैली : पंजाब इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के छात्रों ने किया शोध
मंजूषा विषहरी कथा से है प्रेरित
मंजूषा शैली बिहार की मशहूर कथा बिहुला विषहरी की कथा से संबंधित है। जैसे मधुबनी पेंटिंग भगवान राम और माता सीता की कथा से संबंधित है। इसमें सर्पों की बहुलता होती है। इसमें पांच रंगों की बहुलता है। साथ ही इसमें पांच तरह के बॉर्डर होते हैं। बेलपत्र, कोनिया, मोखा, लहरिया और सर्प की लरी होती है।5 रंगों से बनता है मंजूषा
शोधकर्मी और मंजूषा शैली के कलाकार हेमंत कुमार ने बताया कि मंजूषा पांच रंगों से बनता है। गपीनिहा रंग, त्रिगुणियां रंग का महत्व होता है। इसमें ग से गुलाबी, पी से पीला, नी से नीला, ह से हरा और नारंगी रंग से ही मंजूषा बनता है।Connect with Sahibganj News on Telegram and get direct news on your mobile, by clicking on Telegram.
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