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इसबार बड़ी नहीं, छाेटी मूर्तियों की है डिमांड ज्यादा : कच्चे माल की महंगाई से महंगी हुई मूर्तियां


Sahibganj News : सहिबगंज सरस्वती पूजा काे लेकर मूर्तिकाराें में इस बार थाेड़ी सी राहत है। दरअसल, पिछले दाे वर्षों से काेराेना महामारी की मार झेल रहे मूर्तिकाराें काे राेजी - राेटी का संकट था। छोटी- बड़ी मूर्तियाें की बिक्री बहुत कम हाे रही थी, लेकिन इस बार छाेटी मूर्तियाें की डिमांड बढ़ी है, इससे मूर्तिकाराें ने राहत की सांस ली है।

इसबार बड़ी नहीं, छाेटी मूर्तियों की है डिमांड ज्यादा : कच्चे माल की महंगाई से महंगी हुई मूर्तियां

उनका कहना है कि घर में छाेटी प्रतिमा स्थापित कर पूजा करने में आसानी होती है। इससे मूर्तिकाराें काे थाेड़ी राहत मिली है और छाेटी मूर्तियां तैयार कर रहे हैं। मूर्तिकार विष्णु पंडित का कहना है, काेराेना के कारण सरकार की ओर से धार्मिक आयाेजनाें पर प्रतिबंध काे ध्यान में रखते हुए बड़ी मूर्तियाें का निर्माण कम किया गया है।


अंतिम रूप देने में जुटे मूर्तिकार

बसन्त पंचमी को लेकर युवाओं में काफी उल्लास देखी जा रही है। वहीं मूर्तिकार सरस्वती प्रतिमा को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं।आगामी पांच फ़रवरी को सरस्वती पूजा है, इसको लेकर तेतरिया, महादेवगंज, महाराजपुर के कुमारी, पुरानी सहिबगंज आदि स्थानों में मूर्तिकार पिछले दो महीने से तंबू लगाकर मूर्ती बनाने के कार्य में तल्लीनता से जुटे हुए हैं। कई वर्षों से वे सभी मूर्ति बनाने का अपना पुश्तैनी कार्य कर रहे हैं।

बढ़ती महंगाई से पूजा कमेटियां परेशान

महाराजपुर कुमारी के शिल्पकार देव पाल ने बताया कि पूर्व की भांति इस साल भी हम मूर्ति बना रहे हैं, परंतु पहले की अपेक्षा अब बाजार नहीं है, साथ ही कच्चे माल में भी हमपे दोहरा मार पड़ने लगा है। बढ़ती हुई महंगाई को देखते हुए हमने कोलकाता जैसी डिज़ाइन के कुछ ही बड़ी मूर्तियां बनाई हैं।


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