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पंकज मिश्रा को निर्दोष बताने वाले बरहरवा थाना के ASI व बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल अधीक्षक से होगी पूछताछ : बीमारी के बहाने रिम्स में ही जमे रहने की भी जांच शुरू


रांची :- प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में,
पंकज मिश्रा को निर्दोष बताने वाले बरहरवा थाना के ASI व बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल अधीक्षक से होगी पूछताछ : बीमारी के बहाने रिम्स में ही जमे रहने की भी जांच शुरू


उसे निर्दोष बताने वाले बरहरवा थाना के एएसआई सरफुद्दीन खान को पूछताछ के लिए पांच दिसंबर को हाजिर होने का निर्देश दिया था। वहीं जेल में नियम विरुद्ध सुविधा देने के लिए बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल के अधीक्षक हामिद अख्तर को भी पांच दिसंबर को ही हाजिर होने का निर्देश दिया। 

बता दें कि जेल अधीक्षक को दूसरी बार और सरफुद्दीन खान को पहली बार नोटिस जारी की गई है। दूसरी तरफ ईडी ने पंकज मिश्रा के अब तक रिम्स में ही जमे रहने की भी जांच शुरू कर दी है। इस मामले की जांच के लिए ईडी की एक टीम रविवार की दोपहर लगभग दो बजे रिम्स पहुंची थी। रिम्स की ओर से पंकज मिश्रा को डिस्चार्ज करने और इसकी सूचना जेल प्रशासन को दिये जाने की जानकारी मांगी गई।

पंकज को जेल में दी जा रही सुविधाओं पर अधीक्षक से होगी पूछताछ

पंकज मिश्रा के खिलाफ बरहरवा थाने में दर्ज मामले की जांच के बाद उस पर लगे सभी आरोपों को एएसआई सरफुद्दीन ने जांच रिपोर्ट में गलत करार दिया था। ईडी को इस बात की सूचना है कि जांच अधिकारी ने पंकज मिश्रा के खिलाफ दर्ज मामलों में उसे निर्दोष बताने के लिए तकनीकी और वैज्ञानिक पहलुओं को नजरअंदाज किया। 
ईडी ने अवैध खनन की जांच के दौरान यह पाया है कि बरहरवा पंचायत के टोल पर कब्जा करने के मामले को लेकर इससे जुड़े टेंडर में विवाद हुआ था। 

इस पंचायत के अधीन होने वाले अवैध खनन से निकाले गए खनिजों को बाहर भेजने के लिए मुख्य मार्ग तक लाने के लिए बरहरवा टोल से गुजरना पड़ता है। पंकज मिश्रा व उससे संबंधित लोग टेंडर के सहारे टोल को अपने कब्जे में लेना चाहते थे ताकि ढुलाई में किसी तरह की परेशानी नहीं हो।

रिम्स पहुंची ईडी की टीम को नहीं दिये गए दस्तावेज

इधर रविवार को रिम्स पहुंची ईडी की टीम को कार्यालय बंद होने की वजह से इससे संबंधित दस्तावेज नहीं मिले।रिम्स प्रशासन ने पंकज मिश्रा को डिस्चार्ज करने और जेल को सूचित करने से संबंधित दस्तावेज सोमवार को देने की बात कही। दूसरी तरफ़ जेल प्रशासन का कहना है कि रिम्स की ओर से पंकज मिश्रा के सिलसिले में भेजी गई सूचना में उसे नशा मुक्ति केंद्र ले जाने का सुझाव दिया गया था। रिम्स द्वारा दी गई इस सूचना के आलोक में जेल प्रशासन द्वारा पिछले दिनों उसे CIP ले जाने की कोशिश की गई थी, लेकिन वह नहीं गया।

सोमवार को उसे फिर जबरदस्ती CIP ले जाया गया है।

उल्लेखनीय है कि अवैध खनन मामले की जांच के दौरान पंकज मिश्रा को समन भेज कर 19 जुलाई को बुलाया गया था। ईडी ने पूछताछ के पहले ही दिन उसे गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद न्यायालय के आदेशानुसार, उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ शुरू की गई थी। इसी दौरान तबीयत खराब होने की वजह से उसे रिम्स के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया था। 

बाद में उसे रिम्स के पेइंग वार्ड मे भेज दिया गया‌। वह जुलाई से इलाज के नाम पर रिम्स में ही रह रहा है। ईडी ने उसके रिम्स में रहने के दौरान उसके क्रियाकलापों की भी जांच की है। इसमें पाया गया कि उसने रिम्स में रहते हुए बड़े अधिकारियों से फोन पर बातचीत की थी।

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