झारखंड के इस गांव के लोग बन बैठे हैं 'माउंटेन मैन' दशरथ मांझी : पहाड़ी का काटकर सीना, बना रहे रास्ते, जानें क्या है वजह?
बाघमारा :- बिहार के गया निवासी दशरथ मांझी को कौन नहीं जानता है? उन्होंने अकेले ही करीब पच्चीस फीट ऊंचा पर्वत का सीना चीरकर 360 फीट लंबी और 30 फुट चौड़ी सड़क बना दी थी।
जिसके बाद उनके नाम के साथ "माउंटेन मैन" जुड़ गया। इसी प्रकार झारखंड के धनबाद जिले के बाघमारा प्रखंड की धर्माबांध पंचायत के नीचे देवघरा के गांव वालों ने भी गांव से महुआ की दूरी कम करने के लिए पहाड़ काटकर रास्ता बनाने का संकल्प लिया है।
ग्रामीणों ने गैंता- कुदाल तथा जेसीबी की मदद से ऊबड़ खाबड़ रास्ते को समतल बनाने और पहाड़ी को कटने का काम शुरू कर दिया है। फिलहाल देवघारा के ग्रामीण छह किलोमीटर की दूरी तय कर आना महुदा आवागमन करते हैं। पहाड़ी कटने के बाद महुदा के बीच की दूरी मात्र दो किलोमीटर रह जाएगी।
पिछले दो सप्ताह से ग्रामीण लगातार रास्ता बनाने में लगे हुए हैं। देवघरा की कुल आबादी 1500 है, जिसमें 50 % रवानी, रजवार, कुम्हार तथा अन्य जातियां शामिल हैं। इनमें से अधिकतर लोग खेती बाड़ी करते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि आजादी के बाद आजतक किसी विधायक, सांसद, मुखिया, प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने इस ओर प्रयास नहीं किया है।
गांव के बच्चे रेल पटरी के बगल में बनी पगडंडी पकड़कर स्कूल जाते हैं, जिससे कई बार दुर्घटना हुई है। गांव के लोगों के लिए किसी वाहन को वहां ले जाना मुश्किल है। ऐसे में सभी ने मिलकर संकल्प लिया और वर्तमान मुखिया मीना देवी को अवगत कराया। मुखिया प्रतिनिधि धीरेन रवानी भी इस कार्य के लिए तैयार हो गए। उप मुखिया लक्ष्मी बेसरा के साथ दर्जनों ग्रामीण इस कार्य में अभी भी लगे हुए हैं।
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