उदित नारायण: 10 सालों का संघर्ष, होटल में भी किया काम, सुसाइड का भी आया ख्याल, सिर्फ एक गाने ने बदल दी किस्मत
प्रसिद्धि मिल जाने के बाद हर कोई आपको जानने लगता है, लेकिन उस प्रसिद्धि के लिए आपने क्या-क्या संघर्ष किए इसकी कहानी कोई नहीं जानता।
संघर्ष के दिनों में तो आपके टैलेंट को भी नज़र अंदाज कर दिया जाता है, लेकिन जो काबिल लोग हैं वो किसी ना किसी तरह अपनी पहचान बना ही लेते हैं। 90 के दशक के सुप्रसिद्ध गायक उदित नारायण की कहानी भी कुछ ऐसी ही है।
नारायण 90 के दशक के वो गायक हैं, जिनकी महत्ता तब उतनी ही थी जितनी आज की पीढ़ी अरिजित सिंह या मिथुन जैसे गायकों को देती है। उनकी आवाज ने हर किसी को अपना दीवाना बना रखा था। एक समय था जब उन्हें दिलकश गानों का बेताज बादशाह माना जाता था। 1 दिसंबर 1955 को बिहार के सुपौल के एक मैथिली ब्राह्मण परिवार में जन्मे उदित नारायण इसी महीने 66 साल के हो गए हैं। एक गायक के रूप में भले ही उनको उदित नारायण के नाम से जाना जाता हो, लेकिन उनका पूरा नाम उदित नारायण झा है।
बहुत बुरे दिन देखे उदित ने
आज भले ही उदित नारायण किसी परिचय के मोहताज ना हों, लेकिन एक समय ऐसा भी था, जब उन्हें खुद को साबित करने के लिए बहुत बुरे दिन देखने पड़े थे। उदित अपना पेट पालने के लिए होटल में गाना गाया करते थे। 1970 में नेपाल के रेडियो में लोक गायक के रूप में अपने सिंगिंग करियर की शुरुआत करने वाले उदित नारायण ने नेपाली फिल्म ‘सिंदूर’ से फिल्मों की दुनिया में कदम रखा था। हालांकि इससे उन्हें कुछ खास पहचान नहीं मिली।
होटल में गाते थे गाने, एक गाने ने बदल दी किस्मत
आज कई अवॉर्ड्स अपने नाम कर चुके उदित नारायण एक समय उस हीरे की तरह थे, जिसे नकली पत्थर मान कर इधर उधर फेंक दिया जाता है। तभी तो उन्होंने करीब 10 सालों तक छोटे-मोटे समारोहों और होटल में गाना गाकर अपना गुजारा किया। इसके बाद उन्हें एक भोजपुरी गाने का ऑफर मिला। इसी फिल्म में गीत गाने के दौरान उदित की मुलाकात आनंद-मिलिंद से हुई। उन्होंने जब उदित नारायण की आवाज सुनी तो इस आवाज में उन्हें दम नजर आया। यहीं से उदित नारायण की किस्मत बदल गई। उन्हें कयामत से कयामत फिल्म में ‘पापा कहते हैं’ गीत गाने का मौका मिला और ये गाना सुपरहिट हो गया। इस गीत ने उदित को इतनी प्रसिद्धि दिलाई कि उदित रातोंरात स्टार बन गए। इसके बाद तो उदित नारायण ने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा।
आत्महत्या की भी सोची उदित ने
उदित नारायण के जीवन में एक समय ऐसा भी आया था, जब वह नाकामी के डर से मौत को ही गले लगाने की बात सोचने लगे थे। करण जौहर की फिल्म ‘कुछ कुछ होता है’ के गानों ने उदित नारायण को फिर से एक बार हिट कर दिया था। लेकिन इनकी ये कामयाबी इनके लिए भारी तब पड़ने लगी जब उदित को धमकी भरे कॉल आने लगे। उन्हें फोन कर के काम छोड़ने या फिर पैसे देने की मांग की जा रही थी। एक इंटरव्यू के दौरान उदित ने ही बताया था कि धमकी भरे इन फोन कॉल्स का सिलसिला 1998 से 2019 तक चलता रहा। उन्हें इन वर्षों के दौरान हर महीने कॉल्स आते थे। उदित का कहना था कि किसी ने उनके नाम की सुपारी दी थी। इन धमकी भरे फोन कॉल्स ने उदित को इतना परेशान कर दिया था कि वह सुसाइड के बारे में भी सोचने लगे थे।
निजी जीवन में रहा क्लेश
एक तरफ उदित नारायण को गायकी के क्षेत्र में प्रसिद्धि मिल रही थी, तो वहीं दूसरी तरफ उनके निजी जीवन में उथल-पुथल मची हुई थी। उदित अपनी दो शादियों के कारण काफी समय तक सुर्खियों में बने रहे। उन्होंने पहली शादी रंजना नारयण झा से की तो वहीं दूसरी शादी दीपा नारायण से की है। ये विवाद तब खड़ा हुआ था जब उदित नारायण ने अपनी पहली शादी से इनकार कर दिया था। इसके बाद उनकी पहली पत्नी रंजना ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और अपनी शादी की तस्वीरें दिखाई। इसके बाद तो उदित को अपनी पहली शादी का सच बताना ही पड़ा।
4 बार फिल्मफेयर अवार्ड
उदित अब तक अपनी गायकी के दम पर 4 बार फिल्मफेयर अवॉर्ड जीत चुके हैं। इसके साथ ही उन्हें 2009 में पद्म श्री और 2016 में पद्म विभूषण अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया।
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