व्यवहार न्यायालय परिसर में हुआ राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन, अदालत में 11000 से अधिक मामलों का हुआ निष्पादन


साहिबगंज : राष्ट्रीय लोक अदालत एक ऐसा मंच है, जहाँ स्वच्छ, सुलभ एवं त्वरित न्याय मिलता है
 
व्यवहार न्यायालय परिसर में हुआ राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन, अदालत में 11000 से अधिक मामलों का हुआ निष्पादन


यहाँ न कोई जीतता है और न कोई हारता है, बल्कि दोनों ही पक्ष अपनी-अपनी भागीदारी से आपसी समझौता के आधार पर मामलों का त्वरित निस्तारण अपने-अपने शर्तों के आधार पर करवाते हैं। ऐसी अदालत में अधिक से अधिक लोगों को भाग लेकर अपने-अपने  मामलों का निस्तारण करवाना चाहिए। उपयुर्क्त बातें साहिबगंज के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, मनोज कुमार सिंह ने आज व्यवहार न्यायालय परिसर में आयोजित लोक अदालत में उपस्थित लोगों से कहीं।

उन्होंने कहा कि लोगों को वर्षों तक न्याय की प्रतीक्षा करनी पड़ती है। कई बार तो स्थिति यह बन जाती है कि पक्षकार तक की मृत्यु हो हाती है, लेकिन न्यायालय की कार्यवाही जीवित रहती है। लोगों को त्वरित न्याय दिलाने के उद्देश्य से ही लोक अदालत शुरूआत की गई है, जिसमें सभी पक्षों की जीत होती है। इससे समाज में सौहार्दपूर्ण वातावरण कायम रहता है।

उन्होंने आगे कहा की राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार, नई दिल्ली के निर्देशानुसार एवं झारखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के निर्देशन में ही आज इस लोक अदालत का आयोजन किया गया है। इसके अलावा प्रत्येक महीने के अंतिम शनिवार को भी लोक अदालत का आयोजन न्यायालय परिसर में होता है, जहाँ लोग अपने वादों का निपटारा करवा सकते हैं। इस राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्घाटन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार, मनोज कुमार सिंह, प्रधान न्यायाधीश, कुटुंब न्यायालय श्रीप्रकाश दुबे, उपायुक्त राम निवास यादव, पुलिस अधीक्षक अनुरंजन किस्टोप्पा, 

जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम, धीरज कुमार, जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश- सह विशेष न्यायालय, बाल यौन हिंसा, बिरेन्द्र कुमार श्रीवास्तव, जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष प्रेम नाथ तिवारी, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी शैलेन्द्र कुमार, अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी शेखर कुमार, अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी अलोक सिंह,न्यायिक दंडाधिकारी राजेश  श्रीवास्तव, रेलवे न्यायिक दंडाधिकारी अमित कुमार गुप्ता, न्यायिक दंडाधिकारी, प्रथम श्रेणी सुमित कुमार वर्मा, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी श्रीमती सविता सिंह ने संयुक्त रूप दीप प्रज्वलित कर किया।

कार्यमक्रम  का संचालन सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकार सह वरीय सिविल जज धर्मेन्द्र कुमार ने किया। उन्होंने कहा की लोक अदालत में आपसी रजामंदी से वादों का निस्तारण किया जाता है और काफी कम खर्चे में और समय पर वाद निस्तारित हो जाते हैं। लोक अदालत में निस्तारित वादों में पक्षकारों को यह भी फायदा मिलता है कि उनके द्वारा अदा किया गया न्याय शुल्क वापस हो जाता है, इसका फैसला अंतिम होता है।

इस राष्ट्रीय लोक अदालत में 11000 से ज्यादा मामलों का निष्पादन किया गया और बीस करोड़ से अधिक रुपयों का मामला समझौता हुआ। इसी क्रम में राजमहल व्यवहार न्यायालय में भी लोक अदालत का कार्यक्रम आयोजित किया गया।

कार्यक्रम में अग्रणी बैंक प्रबंधक सुधीर कुमार, विभिन्न बैंकों के अधिकारीगण, मुख्य एल.ए डी.सी अरविन्द गोयल, पैनल अधिवक्तागण, पारा स्वयं सेवकगण समेत अन्य लोग उपस्थित थे। सचिव धर्मेन्द्र कुमार ने राष्ट्रिय  लोक अदालत में सफल आयोजन के लिए सभी वादकारी, सिविल कोर्ट के कर्मचारीगण, बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं और विभिन्न विभाग के अधिकारियों का आभार प्रकट किया। 

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