कोलकाता दुष्कर्म-हत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट का आदेश, महिला डॉक्टर की पहचान हर जगह से हटाया जाए


कोलकाता दुष्कर्म-हत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट का आदेश, महिला डॉक्टर की पहचान हर जगह से हटाया जाए

नई दिल्‍ली : सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता के महिला डॉक्‍टर दुष्कर्म और हत्या मामले में महिला डॉक्‍टर की पहचान को हर जगह से हटाने का आदेश दिया है।कोलकाता दुष्कर्म-हत्या मामले का सुप्रीम कोर्ट ने स्‍वत: संज्ञान लिया है और इस मामले में मंगलवार को सुनवाई की गई।

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को आरजी कर मेडिकल कॉलेज में दुष्कर्म और हत्या की शिकार महिला डॉक्टर का नाम, फोटो और उसके वीडियो को सभी सोशल मीडिया और इलेक्‍ट्रॉनिक मीडिया प्लेटफार्म से हटाने के आदेश दिए हैं।

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि बलात्कार पीड़िता की पहचान उजागर करना उसकी गरिमा का उल्लंघन है और यह सुप्रीम कोर्ट के 2019 के फैसले का भी उल्लंघन है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भारतीय न्याय संहिता की धारा 73 इस तरह की पहचान के खुलासे पर रोक लगाती है।

सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि जिस तरह से मीडिया संस्थानों में रेप पीड़ित के नाम की पहचान का खुलासा हो रहा है, वो सुप्रीम कोर्ट के फैसले में दी गई व्यवस्था के खिलाफ है। किसी भी तरह से रेप पीड़ित की पहचान का खुलासा नहीं हो सकता है।

बता दें कि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्‍पताल में 9 अगस्‍त को एक महिला प्रशिक्षु डॉक्‍टर के साथ दुष्कर्म और हत्या की वारदात को अंजाम दिया गया था। प्रशिक्षु महिला डॉक्‍टर का शव असपताल के सेमिनार हॉल में मिला था। इस घटना को लेकर देशभर में विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। कोलकाता हाईकोर्ट के पिछले सप्ताह निर्देश के बाद सीबीआई ने इस घटना की जांच अपने हाथों में ले ली है।

By: Sanjay Kumar Dhiraj

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