नमामि गंगे समिति की बैठक में लिए गए अहम निर्णय, संरक्षण के लिए निर्देश


नमामि गंगे समिति की बैठक में लिए गए अहम निर्णय, गंगा नदी के संरक्षण के लिए दिए गए विशेष निर्देश

नमामि गंगे समिति की बैठक में लिए गए अहम निर्णय, गंगा नदी के संरक्षण के लिए दिए गए विशेष निर्देश

साहिबगंज समाहरणालय सभागार में उपायुक्त हेमंत सती की अध्यक्षता में नमामि गंगे समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में गंगा नदी के संरक्षण, घाटों के विकास और स्वच्छता को लेकर कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

वन प्रमंडल पदाधिकारी प्रबल गर्ग एवं नमामि गंगे समिति के अन्य सदस्य भी इस बैठक में उपस्थित थे। उपायुक्त हेमंत सती ने शकुंतला घाट के तहत कई विकास कार्यों का निर्देश दिया, जिसमें बच्चों के खेलने के लिए पार्क का निर्माण, घाटों में बैरिकेडिंग, शौचालयों का निर्माण और महिलाओं के लिए चेंजिंग रूम की व्यवस्था शामिल थी।

इसके साथ ही, प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए भी चर्चा की गई। उपायुक्त ने गंगा घाट रोड से मीट और मछली मार्केट को हटाने के निर्देश दिए, जिससे घाटों की स्वच्छता और श्रद्धालुओं की सुविधा सुनिश्चित हो सके।

इसके अलावा, दुर्गा पूजा से पहले स्टेशन रोड से कुलीपड़ा होते हुए नमामि गंगे घाट तक स्ट्रीट लाइटों को ठीक करने का भी आदेश दिया गया, ताकि क्षेत्र में पर्याप्त रोशनी रहे। बैठक में राष्ट्रीय हरित अधिकरण के आदेशों के आलोक में विसर्जन के लिए विशेष कुंडों के निर्माण पर जोर दिया गया।

उन्होंने बताया कि साहिबगंज और राजमहल प्रखंड में विशेष विसर्जन कुंड बनाए जाएंगे, जहां श्रद्धालु मूर्ति विसर्जन कर सकेंगे। यह निर्णय गंगा नदी को प्रदूषण से बचाने के लिए लिया गया है। इसके साथ ही, घाटों पर पहले से लगे सोलर लाइट्स को फिर से चालू करने के निर्देश दिए गए, जिससे रात के समय घाटों पर सुविधाएं बढ़ाई जा सकें।

मुक्तेश्वर घाट और नमामि गंगे घाट पर रैंप का निर्माण, बैठने के लिए शेड और कुर्सियों का प्रावधान करने का निर्णय भी लिया गया। इससे घाटों पर आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं प्राप्त होंगी। सभी विसर्जन और पूजा समितियों के लिए यह निर्देश दिया गया कि वे NGT के आदेशों का सख्ती से पालन करें।

मूर्तियों का निर्माण बायोडिग्रेडेबल और पर्यावरण-अनुकूल सामग्री से ही किया जाना चाहिए। यह भी निर्देशित किया गया कि, गंगा नदी में केवल चिन्हित कुंडों में ही मूर्ति विसर्जन किया जाए, अन्यथा पूजा समितियों के अध्यक्षों पर ₹50,000 तक का जुर्माना लगाया जाएगा।

गंगा नदी में पूजा सामग्री न फेंकी जाए, इसके लिए घाटों पर विशेष डस्टबिन का निर्माण किया जाएगा। श्रद्धालु अपनी पूजा सामग्री को इन डस्टबिन में डाल सकेंगे, जिससे गंगा नदी को स्वच्छ रखा जा सके। एनजीटी के आदेशों के अनुसार, चिन्हित घाटों पर नियमों और निर्देशों से संबंधित साइन बोर्ड लगाने के निर्देश दिए गए, ताकि श्रद्धालु नियमों का पालन करते हुए गंगा नदी में विसर्जन कर सकें।


साहिबगंज से संजय कुमार धीरज

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