क्या हर रोज़ गर्म पानी पीने से शरीर को पहुंचता है नुकसान?
आयुर्वेद चंद्रोदय ग्रन्थ के मुताबिक गर्म पानी सदैव खाने के एक घण्टे बाद पिएं, तो यह अत्यन्त लाभकारी है।सुबह उठते ही खाली पेट गर्म पानी पीने का मतलब है जहर पीना। आयुर्वेदक शास्त्रों के अनुसार, सुबह उदर में गर्माहट रहने से जठराग्नि तेज रहती है, इसलिए सुबह सादा जल बिना कुछ मिलाकर पीने से रात भर में फुला हुआ गला मल शौच के द्वारा बाहर निकल जाता है।
जो लोग सुबह उठते ही गर्म पानी पीते हैं, उन्हें हर्निया की शिकायत हो सकती है। यकृत शिथिल होने लगता है। महिलाओं में तेजी से बढ़ती पीसीओडी या सोमरोग की परेशानी की मुख्य वजह सुबह को गर्म पानी लेना ही है। वर्तमान में युवतियां लिकोरिया, श्वेतप्रदर, रक्तप्रदर, सफेद पानी, व्हाइट डिस्चार्ज से लाखों महिलाएं पीड़ित हैं। इन सबका कारण सुबह खाली पेट गर्म पानी का उपयोग ही है।
वैज्ञानिकों ने आयुर्वेद के लगभग 80 से ज्यादा 5000 वर्ष पुराने ग्रन्थों का अध्ययन किया, लेकिन किसी भी किताब में प्रातःकाल गर्म पानी पीने का विधान नहीं लिखा है। अगर 30–40 पुरानी पध्दति को देखें, तो लोग सुबह उठते ही मटके या ताँबें का सादा जल ही पीते थे। हमारे भारत में कभी सुबह गर्म पानी पीने की परंपरा नहीं रही। आप चाहें, तो किसी भी बुजुर्ग से जानकारी ले सकते हैं।
बद्रीनाथ, मणिमहेश, उत्तराखंड और झारखंड के तीर्थों में गर्म पानी के झरने हैं, क्योंकि वहां के मौसम मुताबिक गर्म पानी लेने से शरीर में गर्माहट बनी रही है। हो सकता है कि ये एलोपैथी कम्पनियों द्वारा फैलाया गया षडयंत्र हो, ताकि लोग अधिक से अधिक बीमार होकर अंग्रेजी दवाओं का सेवन करें।
विगत 8 साल से लोगों ने गर्म पानी का प्रयोग करना शुरू किया और लिवर, बबासीर, डाईविटीज, दांतो का दर्द, कैंसर, ढ़ीलापन, शिथिलता, आलस्य, सुस्ती, कमजोर इम्युनिटी की विकराल समस्या उभरने लगी। हमें प्रकृति ने जैसा जल, या जो भी कुछ दिया है, उसे वैसा ही इस्तेमाल करें। खाने के बाद गर्म पानी जरूर पियें। यह चर्बी को गलाएगा और सुंदरता भी बढ़ाएगा।
0 Response to "क्या हर रोज़ गर्म पानी पीने से शरीर को पहुंचता है नुकसान?"
Post a Comment