महाशिवरात्रि विशेष : कैसे करें रुद्राभिषेक?
फाल्गुन मास की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस बार अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह पर्व आज 26 फरवरी को मनाया जाएगा। आज दिन बुधवार होने के कारण बुध प्रदोष भी रहेगा। शिवरात्रि पर शिवजी का रुद्राभिषेक करने का खास महत्व है।
अभिषेक शब्द का शाब्दिक अर्थ है स्नान करना या कराना। रुद्राभिषेक का अर्थ है भगवान रुद्र का अभिषेक। जानते हैं कि क्या है इसका महत्व और फायदे? रुद्राभिषेक को तुरंत ही फलदायी माना गया है। शिवजी को प्रसन्न करने और उनकी कृपा प्राप्ति के लिए करते हैं रुद्राभिषेक।
श्रावण मास में मंत्र, गोदुग्ध या अन्य दूध मिलाकर अथवा केवल दूध से भी अभिषेक किया जाता है। विशेष पूजा में दूध, दही, घृत, शहद और शक्कर से अलग-अलग अथवा सबको मिलाकर पंचामृत से भी अभिषेक किया जाता है।
रुद्राभिषेक का फल बहुत ही शीघ्र प्राप्त होता है। कालसर्प योग, गृहक्लेश, व्यापार में नुकसान, शिक्षा में रुकावट सभी कार्यों की बाधाओं को दूर करने के लिए रुद्राभिषेक आपके अभीष्ट सिद्धि के लिए फलदायक है। रुतम्-दु:खम्, द्रावयति-नाशयतीतिरुद्र: यानी कि भोले सभी दु:खों को नष्ट कर देते हैं।
हमारे द्वारा किए गए पाप ही हमारे दु:खों के कारण हैं। रुद्रार्चन और रुद्राभिषेक से हमारी कुंडली से पातक कर्म एवं महापातक भी जलकर भस्म हो जाते हैं और साधक में शिवत्व का उदय होता है। रुद्रहृदयोपनिषद में शिव के बारे में कहा गया है कि सर्वदेवात्मको रुद्र: सर्वे देवा: शिवात्मका अर्थात सभी देवताओं की आत्मा में रुद्र उपस्थित हैं और सभी देवता रुद्र की आत्मा हैं।
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