साइबर ठगों ने ठगी के लिए बना रहा ये प्लान, हो जाइये सावधान
Sahibganj News: साइबर ठगी को कुछ लोगों ने तो कमाई का जरिया ही बना लिया है. गए दिन झारखण्ड से साइबर ठगी का मामला प्रकाश में आरहे है और अपराधी भी पकडे जा रहे है फिर भी साइबर ठगी में कोई कमी नहीं आरही है.
जानकारी के अनुसार करीब दस वर्ष पूर्व करमाटांड़ व आसपास के इलाके के बेरोजगार युवा दूसरे राज्यों में नौकरी की तलाश में गए थे. नौकरी के दौरान वहां की स्थानीय भाषा सीख ली. अब यहां आने के बाद साइबर ठगी को अपना कमाई का जरिया बना लिया है.
अपराधि अब क्षेत्रीय भाषा में कभी बैंक अधिकारी बनकर एटीएम का पिन पूछा लेता है तो कभी लक्की ड्रॉ का विजेता बता कर इनाम दिलाने की बात करती है. दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, पंजाब, दक्षिण भारत समेत देश के विभिन्न राज्यों के लोगों से फोन पर ठगी करने वाले साइबर अपराधियों ने क्षेत्रीय भाषा में बोलने की खास ट्रेनिंग ले ली है.
साइबर ठगी करने वाले पूरी तैयारी के साथ लोगों को चुना लगा रही है. जिस नंबर से फोन किया जाता है वह गैंग द्वारा तैयार किये गये फर्जी आईडी से सिम लिया गया होता है. इसलिए नंबर ट्रेस होने की भी कोई चिंता इन लोगों को नहीं होती.
ये साइबर अपराधी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस भी छोरी का ही रखते है जिससे कॉल करते हैं. जिन बैंक एकाउंट में पैसा मंगाया जाता है वह बैंक खाता भी फर्जी नाम व पते पर खोला जाता है. पैसा खाते में आते ही उसे तुरंत निकाल लिया जाता है.
गिरफ्तारी से बचने के लिए साइबर अपराधि दूसरे शहर में किराए पर फ्लैट भी ले कर रखते है. वहीं से साइबर ठगी के लिए कॉल करते हैं. वे तरह-तरह के ऑफर व अन्य तरकीब से लोगों को झांसे में ले लेते हैं. इसके बाद बैंक एकाउंट, एटीएम व अन्य जानकारियां हासिल कर साइबर ठगी की वारदात को अंजाम देते हैं.
साइबर अपराध रोकने के लिए लगातार साइबर अड्डों पर छापेमारी कर दर्जनों साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है. कभी कैशबैक तो कभी इनाम दिलाने का झांसा देकर लोगों से साइबर ठगी हो रही है.
फ़ोन पे और अन्य जगह पे ठगी क्या जा रहा है. लोगों को जागरूक रहने की आवश्यकता है, इस तरह के कॉल आते ही पुलिस को जानकारी जरुर दें.
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