साहिबगंज: बच्चों के लिए कहानी पुस्तक "हमें क्या लगता है " का किया गया मंचन?


Sahibganj News : बुधवार को सिद्धू -  कान्हू सभागार में आंगनबाड़ी केंद्रों पर 3 से 6 साल आयु तक के बच्चों को शालापूर्व शिक्षा एवं ई रिसोर्सेस मेटेरियल की अनूठी पहल पर कार्यक्रम आयोजित की गई।

साहिबगंज: बच्चों के लिए कहानी पुस्तक "हमें क्या लगता है " का किया गया मंचन?

कार्यक्रम में बताया गया कि साहिबगंज जिले  के तालझारी प्रखण्ड से 100 आंगनबाड़ी केंद्रों को चिन्हित किया गया है, जहां 03 से 06 साल के आयु के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से पिरामल फाउंडेशन एवं जिला प्रशासन के सहयोग से पाठ्यक्रम बनाया गया है.

जिसमें बच्चों को प्रखर, मुखर और रचनात्मक बनाने और  उन्हें भविष्य में अच्छा काम करने एवं शिक्षति समाज का निर्माण कर ग्रामीण जीवनशैली में सुधार और उन्नति की ओर बढ़ने आदि विषयों को ध्यान में रख कर तैयार किया गया है।


इसी क्रम में आज उप विकास आयुक्त द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों में शुरुआत हो रहे पाठ्क्रम एवं बच्चों को पढ़ाये जाने वाले कहानी की पुस्तक" हमें क्या लगता है"का मंचन किया गया। इस अवसर पर उप  विकास आयुक्त प्रभात कुमार बरदियार ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सेविकाओं से कहा की 3 से 6 साल आयु के बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा दें एवं अभिवावकों को बच्चों को और बेहतर  शिक्षा देने के साथ नैतिक शिक्षा देने के लिए भी प्रेरित करें।


उन्होंने तालझारी प्रखण्ड की सेविकाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि यह एक अच्छा अवसर है जो बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए आपसे शुरू हो रहा है। कार्यक्रम में बताया गया कि कक्षा 01 में जाने के लिए घर छोड़कर विद्यालय में बैठने एवं अंकों का ज्ञान प्राप्त कर पेंसिल पकड़ने की शिक्षा,अपने समान अन्य बच्चों से बात करना एवं अपनी भावनाएं दूसरों से साझा करना जरूरी है, ताकि बच्चा प्रखर और प्रगतिशील हो सके।


कार्यक्रम में महिला प्रशिक्षक ने सहिया दीदी को बताया कि आंगन, केंद्र, गांव, समुदाय में बच्चों की शिक्षा की ओर पहला कदम है, और बच्चों को शिक्षा से जोड़ने की प्रथम कड़ी है। जहां बच्चे शुरुवाती ज्ञान प्राप्त करते हैं।आंगनबाड़ी केंद्रों में 3 से 6 साल के बच्चों का समग्र विकास कर उन्हें जिज्ञासु बनाने, खोजी बनाने, उन्हें नैतिक ज़िमेदारी  के प्रति प्रेरित करने, तथा बच्चों को उनके भविष्य के बारे में उनकी अपनी सोच विकसित करने में मदद करना सहिया एवं सेविका दीदियों की जिम्मेदारी है।


कार्यक्रम में पिरामल फाउंडेशन के प्रशिक्षकों ने सेविकाओं  को आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को विभिन्न तरीकों से पढ़ाने,अंको का ज्ञान देने, अक्षर अक्षर जोड़कर शब्द बनाने, कहानियों के माध्यम से नैतिक शिक्षा देने, रचनात्मक बनने तथा उन्हें अभिभावक और दोस्त बनकर सीख देने के लिए प्रेरित किया गया।

साहिबगंज न्यूज़ के साथ WhatsApp, Telegram पर जुड़े और पाए डायरेक्ट खबर अपने मोबाइल पर, whatsapp पर क्लिक करके जुड़ें

WhatsApp
Telegram

(Note:- जो लोग साहिबगंज न्यूज़ के ग्रुप 1, 2 और 3 से जुड़ें है वो लोग इस ग्रुप में ज्वाइन नहीं होंगे, चूँकि सभी ग्रुप में एक साथ एक ही न्यूज़ प्रसारित होगा)

0 Response to "साहिबगंज: बच्चों के लिए कहानी पुस्तक "हमें क्या लगता है " का किया गया मंचन?"

Post a Comment

साहिबगंज न्यूज़ की खबरें पढ़ने के लिए धन्यवाद, कृप्या निचे अनुभव साझा करें.

Iklan Atas Artikel

Iklan Tengah Artikel 2

Iklan Bawah Artikel