कनकनी से ठिठुरी लोगों की ज़िंदगी, अब अलाव ही एक मात्र सहारा


Sahibganj News : शहर में सोमवार को सर्द हवाओं और ठंड का प्रकोप एक बार फिर शुरू हो गया। पिछले कई दिनों से थोडी सी धूप खिलने के कारण लोगों को थोड़ी राहत मिली थी, लेकिन रविवार और सोमवार को भागवान भास्कर ने दर्शन ही नहीं दिये, इसीलिए तापमान में लगातार गिरावट जारी  रहा।

कनकनी से ठिठुरी लोगों की ज़िंदगी, अब अलाव ही एक मात्र सहारा

शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में सुबह से अब तक आसमान में बादल छाये रहे। तापमान इस मौसम के न्यूनतम दर्जे का अनुभव कराता रहा। अचानक मौसम के बदले मिजाज ने आम जन-  जीवन की परेशानी बढ़ा दी है।

सुबह से ही चल रही हल्की सर्द हवा ने लोगों की रफ्तार कम कर दी। कड़ाके की ठंड के कारण किसानों को भी खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गेहूं की सिंचाई तथा पशुओं के चारे की व्यवस्था में उन्हें मुश्किलों का सामाना करना पड़ता है।

प्रशासनिक कवायत है फेल

ठंड से सबसे अधिक परेशानी बूढ़े व बच्चों को उठानी पड़ रही है। लोगों को इस ठंड में आग का ही सहारा है। वह भी उन्हें निजी स्तर से ही उपलब्ध हो रहा है। बूढ़े और बच्चों की दिनचर्या आग के सहारे ही चल रही है। ठंड के कारण दैनिक मजदूरों को खासी परेशानी उठानी पड़ रही है।

उन्हें काम नहीं मिल पा रहा है और उनके समक्ष रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गयी है। ठंड से स्कूल जाने वाले बच्चों की परेशानी भी बढ़ी है। स्कूल एवं कॉलेज में भी बच्चे कम दिख रहे हैं। वहीं दूसरी ओर ठंड के बावजूद जिला प्रशासन ने कंबल वितरण की शुरूआत नहीं की है। 

नतीजा है कि चौक-चौराहे पर कहीं-कहीं सरकारी स्तर से अलाव जलता दिख रहा है। इन जगहों पर दो चार किलो लकड़ी देकर रस्म पूरी की जा रही है।

बाजार भी पड़ा है ठंडा

शीतलहर की वजह से बाजार में भी ग्राहकों की आवाजाही अन्य दिनों की अपेक्षा काफी कम रही। दुकानदार बताते हैं कि सर्दी का सीजन होने के बावजूद लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं। खास कर अंतिम समय में ठंड के तेवर ने भी गर्म कपड़े के बाजार को राहत नहीं दी है।

व्यवसायी ऊनी कपड़े की बिक्री नहीं होने को लेकर परेशान हैं। बाजार में गरम कपड़े भरे पड़े हैं, थोड़ी-बहुत खरीदारी भी हो रही है। कुल मिला कर ठंड से जन-जीवन अस्त-व्यस्त है और लोग काफी  परेशान हैं।

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Reported By : Sanjay Kumar Dhiraj

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