युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देगी झारखंड सरकार, यहाँ देखें तरीका
Jharkhand Government Will Give Unemployment Allowance To Youth, 5 Thousand To Graduate Pass And 7 Thousand To Postgraduate
Jharkhand : झारखंड के बेरोजगारों के लिए खुशखबरी है. राज्य सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष (2020-21) में ही इस योजना को शुरू करने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं. नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग ने योजना प्रस्ताव पर स्वीकृति के लिए योजना प्राधिकृत समिति को दोबारा फाइल भेजी है.
योजना एवं प्राधिकृत समिति के अनुमोदन के बाद इस पर कैबिनेट की स्वीकृति ली जाएगी. इस योजना के तहत हेमंत सरकार राज्य के नियोजनालयों में निबंधित स्नातक एवं स्नातकोत्तर उत्तीर्ण बेरोजगारों को रोजगार नहीं मिलने पर भत्ता देगी.
वित्तीय वर्ष 2020-21 के बजट में किए गए प्रविधान के अनुसार स्नातक पास युवाओं को प्रति वर्ष पांच हजार तथा स्नातकोत्तर को सात हजार रुपये भत्ता दिया जाएगा. किसी भी लाभुक को इस योजना का लाभ दो वर्षों तक ही मिलेगा.
नन मैट्रिक, मैट्रिक व इंटरमीडिएट उत्तीर्ण बेरोजगारों को इसका लाभ नहीं मिल पाएगा। योजना के प्रस्ताव के अनुसार इसका लाभ सिर्फ झारखंड के निवासियों को मिलेगा. बेरोजगारों को यह शपथपत्र देना होगा कि उसके पास कोई रोजगार नहीं है.
बता दें कि इससे पहले पिछले वर्ष जून में विकास आयुक्त की अध्यक्षता वाली योजना प्राधिकृत समिति ने कोरोना का हवाला देते हुए श्रम, नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग को प्रस्ताव वापस लौटा दिया था. इसके बाद यह फाइल विभाग में पड़ी हुई थी.
अन्य राज्यों में भी दिया जाता है भत्ता
हरियाणा में बारहवीं पास को प्रतिमाह 900 रुपये तथा स्नातक, स्नातकोत्तर उत्तीर्ण बेरोजगारों को 1500 रुपये भत्ता के रूप में दिए जाते हैं.
-राजस्थान में भी बेरोजगारों को प्रतिमाह 1600 रुपये दिए जाते हैं. हालांकि वर्तमान सरकार ने यह राशि तीन से साढ़े तीन हजार रुपये करने का निर्णय लिया है. यहां भी दो साल तक योजना का लाभ मिलता है.
-बिहार में प्रतमिाह एक हजार रुपये बेरोजगारी भत्ता देने का निर्णय सरकार ने लिया है. अक्टूबर 2016 से यह 20 से 25 वर्ष के बेरोजगार युवाओं को दो वर्षों के लिए दिया जाता है.
-उत्तराखंड में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में 2012 में बेरोजगारों को रोजगार सह कौशल विकास भत्ता देने का निर्णय लिया गया था. बेरोजगार इंटरमीडिएट पास युवाओं के लिए 500 रुपये, स्नातक को 750 रुपये और परास्नातक को 1000 रुपये प्रतिमाह भत्ता निर्धारित किया गया. वर्ष 2017 में यह योजना बंद कर दी गई.
-हिमाचल में बेरोजगारी भत्ता की शुरुआत 2017 में हुई थी। इसके लिए प्लस टू पास को 1500 रुपये प्रतिमाह बेरोजगारी भत्ता मिलता है. आयु सीमा की शर्त 16 से 35 साल के बीच है। राज्य में 1.5 लाख युवाओं को इसका लाभ मिल रहा है.
इसके अलावा कौशल विकास भत्ता 2014 लागू है. आइटीआइ या अन्य तकनीकी प्रशिक्षण लेने वाले युवाओं को एक साल तक के डिप्लोमा के लिए इसका लाभ मिलता है। इसके तहत 1000 रुपये मासिक भत्ता दिया जाता है.
प्रति वर्ष 141 करोड़ खर्च होंगे
2,37,845 स्नातक बेरोजगार झारखंड के नियोजनालयों में निबंधित हैं. प्रत्येक को पांच हजार रुपये के हिसाब से 118 करोड़ रुपये खर्च होंगे. वहीं 34,050 स्नातकोत्तर उत्तीर्ण बेरोजगार नियोजनालयों में निबंधित हैं. सात हजार के हिसाब से इन पर 23 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इस प्रकार योजना के लिए प्रति वर्ष 141 करोड़ रुपये का प्रविधान राज्य सरकार को करना होगा.
'बेरोजगारों को भत्ता देने की दिशा में तेजी से काम हो रहा है. योजना की स्वीकृति की प्रक्रिया चल रही है. शीघ्र ही इसका लाभ बेरोजगारों को मिलेगा. यह हमारी प्राथमिकता है. इसके लिए बजट में प्रविधान किया गया है.' -सत्यानंद भोक्ता, मंत्री, श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग.
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