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लॉकडाउन के दौरान जनता के लिए समुचित व्यवस्था करे सरकार : अकिल अख्तर


रहरवा : पाकुड़ के पूर्व विधायक सह आजसू केंद्रीय उपाध्यक्ष अकील अख्तर ने राज्य में जारी स्वस्थ सुरक्षा सप्ताह (मिनी लॉकडाउन) को लेकर सरकार पर निशाना साधा है, उन्होंने राज्य भर में जारी स्वस्थ सुरक्षा सप्ताह को लेकर राज्य सरकार और ग्रामीण विकास मंत्री सह स्थानीय विधायक आलमगीर आलम को आड़े हाथों लिया।

लॉकडाउन के दौरान जनता के लिए समुचित व्यवस्था करे सरकार : अकिल अख्तर

उन्होंने  कहा कि राज्य में बिना तैयारी लॉकडाउन लगाने से लोग भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं, इसका सबसे ज्यादा प्रभाव दैनिक मजदूरों और दुकानदारी कर पेट चलाने वाले लोगों पर पड़ी है। राज्य सरकार ने जानता को उचित व्यवस्था मुहैया ना कराकर लॉकडाउन लगाया, जिससे लोगों की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है।

सरकार द्वारा स्वस्थ सुरक्षा सप्ताह (मिनी लॉकडाउन) को लेकर जारी गाइडलाइन भी स्पष्ट नहीं है जिसके कारण हर जिले में अलग-अलग नियम कानून देखने को मिल रहा है। अधिकारी अपने तौर पर कानून बना रहे है, जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इससे हर जगह अव्यस्था फैली हुई है।

सरकार द्वारा ई पास सिस्टम जारी कर दिया गया लेकिन यह भी बुरी तरह से चरमरा गई है। ई पास वेबसाइट डाउन हो जाने से हजारों की संख्या में लोग ई पास से वंचित रह गए, उनमें से लोगो को पुलिस की लाठियां खानी पड़ी और कईयों को जुर्माना भी चुकाना पड़ा।

पाकुड़ क्षेत्र में ही कई जगहों से ई पास नहीं रहने के कारण पुलिस अत्याचार की सूचनाएं प्राप्त हुई, जबकि लोग चाह कर भी ई पास नहीं बना पा रहे थे। क्षेत्र में अधिकांश गरीब लोगों के पास एंड्रॉयड फोन नहीं है या फिर इसे इस्तेमाल करने की जानकारी नहीं है, जिससे वे ई पास नहीं बना पा रहे हैं।

इसके लिए सरकार ने कोई समुचित कदम नहीं उठाया है। मजबूरन लोग इंटरनेट कैफे के चक्कर लगा रहे हैं। जहां ई पास के नाम पर उनके साथ आर्थिक शोषण भी हो रहा है। इंटरनेट कैफे संचालक द्वारा ई पास के नाम पर लोगों से मनमानी राशि वसूली जा रही है।

जबकि गाइडलाइन के अनुसार इंटरनेट कैफे भी बंद रखने का आदेश है। ऐसे में रोजाना मजदूरी करने जा रहे लोग, रोजाना व्यवसाय के लिए सफर करने वाले लोग प्रताड़ित हो रहे हैं। सरकार की विफलता पर जनता लाठी खाए और जुर्माना चुकाए यह पूरी तरह से अनुचित है।


उन्होंने आगे कहा कि कोविड-19 महामारी को हराने के लिए हम सरकार के साथ खड़े है, मैं खुद अपने स्तर से लोगों से अपील व प्रयास कर रहा हूं कि वह घर पर ही रहे और सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का शत-प्रतिशत पालन करें।

कोविड प्रोटोकॉल का हर हाल में पालन हो लेकिन उससे पहले सरकार जनता के लिए समुचित व्यवस्था करें। कोरोना महामारी और जारी लॉकडाउन से दिहाड़ी मजदूर, लघु, सीमांत किसान, निर्माण श्रमिक, दैनिक ऑटो, टोटो चालक, छोटे छोटे व्यापार कर रोजाना घर चलाने वाले, ठेले वाले, फेरी वाले सबसे अधिक प्रभावित हैं, रोजगार संकट के कारण उनकी आर्थिक स्थिति gb से बदतर हो गई है।

उन्हे सरकार आर्थिक सहायता प्रदान करें, और लॉकडाउन के अवधि के दौरान इन सभी को घर - घर राशन मुहैया कराया जाए। पाकुड़ क्षेत्र अधिकांश लोग रोजगार के लिए बाहर जाते हैं, जो इस महामारी काल में घर पर बैठे हुए हैं, उन्हें सरकार मनरेगा से रोजगार मुहैया कराएं।


मनरेगा में तय न्यूनतम 100 दिन के रोजगार को बढ़ाकर 200 दिन की रोजगार की व्यवस्था सरकार करें। पूर्व विधायक श्री अख्तर ने आरोप लगाया कि ग्रामीण विकास मंत्री ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को रोजगार दिलाने में पूरी तरह से असफल हैं।

पाकुड़ क्षेत्र में दैनिक मजदूरी करने वाले लोगों की हालत अत्यंत दयनीय है। स्थानीय विधायक होने के नाते वह इस क्षेत्र में दैनिक मजदूरों के लिए विशेष पैकेज की घोषणा करें।


माननीय ग्रामीण विकास मंत्री सह स्थानीय विधायक ने कुछ दिनों पहले बयान जारी कर कहा था कि क्षेत्र के लोगों को समुचित रोजगार मनरेगा के माध्यम से मिल रहा है, अगर ऐसा है तो वे लॉकडाउन की अवधि में कितने मजदूरों के मुकाबले कितनों को रोजगार दिला पाए, उसकी आंकड़ा जारी करें।

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By : Raju Kumar

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